जमुई के 40 किसानों ने सीखी ऑन स्पॉट मृदा जांच तकनीक : डॉ सुधीर
मिट्टी में उपलब्ध पोषक तत्वों की सही जानकारी के आधार पर संतुलित उर्वरक का उपयोग कर किसान न केवल बेहतर उपज प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि मिट्टी के स्वास्थ्य में भी सुधार ला सकते हैं.
ग्रामीण स्तर पर रोजगार सृजन की दिशा में अनूठी पहल
जमुई. मिट्टी में उपलब्ध पोषक तत्वों की सही जानकारी के आधार पर संतुलित उर्वरक का उपयोग कर किसान न केवल बेहतर उपज प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि मिट्टी के स्वास्थ्य में भी सुधार ला सकते हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को मृदा जांच रिपोर्ट नहीं मिल पाने या कृषि कार्यालयों तक नहीं पहुंच पाने की समस्या लंबे समय से रही है. इसी समस्या को दूर करने के उद्देश्य से जिले के 40 किसानों को ऑन स्पॉट मृदा जांच का विशेष प्रशिक्षण दिया गया.केंद्र प्रमुख डॉ सुधीर ने बताया कि किसानों की इस व्यावहारिक समस्या को बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना के कुलपति डॉ इंद्रजीत सिंह के समक्ष रखा गया था. उनके विशेष सहयोग से जमुई के 40 किसानों की टोली को धनबाद भेजा गया, जहां राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान के मृदा वैज्ञानिक डॉ. ब्रजेंद्र परमार ने किसानों को मौके पर ही मिट्टी जांच कर रिपोर्ट तैयार करने की तकनीक सिखायी.प्रशिक्षण के दौरान किसानों को मृदा जांच किट और स्मार्ट फोन के माध्यम से खेत में ही 15 से 20 मिनट में मिट्टी की जांच कर रिपोर्ट उपलब्ध कराने की जानकारी दी गयी. प्रशिक्षण के बाद सभी किसानों को एक-एक मृदा जांच किट भी उपलब्ध करायी गयी. केंद्र प्रमुख ने बताया कि अब ये प्रशिक्षित किसान ग्रामीण स्तर पर मृदा जांच को व्यवसाय के रूप में अपनाकर अपनी आमदनी बढ़ाएंगे. कृषि विज्ञान केंद्र, जमुई ने जानकारी दी कि अब ग्रामीण युवकों से आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे और आने वाले समय में विभिन्न प्रखंडों में इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर किसान परिवारों में रोजगार सृजन का कार्य किया जाएगा. उक्त कार्यक्रम में बाबूलाल सोरेन, मुन्ना मुर्मू, सोनेलाल मरांडी, पिंकी सोरेन सहित कुल 40 किसानों ने भाग लिया.
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