Bihar: जैन मुनि प्रशांत सागर ध्यान करते हुए कर गए देवलोकगमन, जीवन व सफलता के ये अहम मंत्र देकर हुए विदा…

Bihar: जैन मुनिश्री प्रशांत सागर महाराज का देवलोकगमन सोमवार को भागलपुर में हो गया. रविवार को ही वो जैन मुनियों के जत्थे के साथ भागलपुर आए थे. पदयात्रा करके भागलपुर आए जैन मुनि ने जीवन और सफलता के अहम मंत्र भी दिए थे.

By Prabhat Khabar Print Desk | February 13, 2023 2:08 PM

Bihar News: संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी के संघस्थ निर्यापक मुनिश्री प्रशान्त सागर जी महाराज का सोमवार 13 फरवरी को देवलोकगमन हो गया. उनका अंतिम संस्कार भागलपुर के चम्पापुर सिद्धक्षेत्र में किया गया. मुनिश्री प्रशान्त सागर रविवार, 12 फरवरी 2023 को चम्पापुर पधारे थे. सम्मेद शिखर से पदयात्रा करके जैन मुनियों का जत्था भागलपुर पहुंचा था. जिसमें मुनिश्री प्रशांत सागर महाराज भी शामिल थे.

 पदयात्रा करके चंपापुर दिगंबर जैन सिद्धक्षेत्र पहुंचे थे मुनिश्री

भागलपुर के श्रीचंपापुर दिगंबर जैन सिद्धक्षेत्र पहुंचे जैन मुनियों के जत्थे में शामिल मुनिश्री प्रशांत सागर महाराज का सोमवार को देवलोकगमन हो गया. उन्होंने प्रातः 5.00 बजे अंतिम सांस ली. नाथनगर के चम्पापुर सिद्धक्षेत्र में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया. बताया जा रहा है कि अहले सुबह साधना के दौरान ही वो देवलोक की ओर गमन कर गए. मुनिश्री के देवलोकगमन के कारण आज भागलपुर के सभी जैन प्रतिष्ठान बंद रखे गए.

भगवान वासुपूज्य मंदिर में दर्शन किए थे

गौरतलब है कि भागलपुर में रविवार को मुनिश्री का जत्था सम्मेद शिखर जी से पदयात्रा करते हुए पहुंचा था. इस जत्था में मुनिश्री प्रशांत सागर महाराज, मुनिश्री निवेंगसागर महाराज, मुनिश्री शीतलसागर महाराज व एलकश्री निजानंद सागर महाराज शामिल थे. सभी संतों ने रविवार को सबसे पहले मूलबेदी परिसर में भगवान वासुपूज्य मंदिर में दर्शन किए थे.

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एक दिन पहले मुनिश्री ने दिए थे मंत्र

रविवार को मुनिश्री प्रशांत सागर महाराज ने लोगों को जीवन के कुछ अहम मंत्र दिए थे. उन्होंने कहा था कि जो लोग आपस में उलझ रहे हैं वो सचमुच समझ नहीं रहे हैं. बहस समस्या है, समाधान नहीं. मुनिश्री ने सफल होने के मंत्र भी दिए थे. उन्होंने कहा था कि कोई भी काम मजबूरी से नहीं बल्कि खुशी व मन से कीजिए. अगर आप ऐसा करते हैं तो सफलता आपको फिर अवश्य मिलेगी. छोटे लाभ को देखने वाले अक्सर बड़े लाभ से वंचित रह जाते हैं. वहीं जीवन का सार बताते हुए मुनिश्री ने कहा था कि सुखी होना ही धर्म का सार है. क्षमा से आपका हृदय सरल होता है.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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