Samrat Chaudhary: गृहमंत्री होने के बावजूद अफसरों के “चौधरी” नहीं होंगे सम्राट! CM नीतीश ने चला ऐसा दांव 

Samrat Chaudhary: बिहार का गृह मंत्री होने के बावजूद सम्राट चौधरी किसी भी आईएएस अफसर का तबादला नहीं कर सकेंगे. हालांकि उन्हें कहां तैनात करना है और किसे कौन सी जिम्मेदारी मिलेगी उसकी अनुशंसा वह कर सकेंगे.

By Prashant Tiwari | November 22, 2025 3:27 PM

Samrat Chaudhary: बिहार में पिछले 20 साल में पहली बार ऐसा हुआ है जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गृह मंत्रालय सहयोगियों को दिया है. इससे पहले वह चाहे जिस भी गठबंधन के साथ रहे हैं गृह विभाग हमेशा अपने पास ही रखते रहे हैं. लेकिन इस बार गृह विभाग भारतीय जनता पार्टी के खाते में आई है और बीजेपी ने सम्राट चौधरी को इस विभाग का जिम्मा सौंपा है. हालांकि, सम्राट भले ही बिहार के नए गृह मंत्री बन गए हैं लेकिन अफसरों पर उनकी चौधराहट नहीं चल पाएगी. 

Cm nitish kumar and hm samrat chaudhary

सामान्य प्रशासन सीएम नीतीश के पास 

दरअसल,  किसी भी जिले को चलाने की जिम्मेदारी उस जिले के जिलाधिकारी और दूसरे विभाग के  अधिकारियों के पास होती है और वह अपनी रिपोर्ट सामान्य प्रशासन के विभाग के मंत्री को देते हैं. और बिहार में यह मंत्रालय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पास रखा है. वहीं, किसी भी जिले के आईएएस और अन्य अधिकारियों का तबादला भी सामान्य प्रशासन करता है ऐसे में यह कहना कही से गलत नहीं होगा कि भले ही बिहार के गृहमंत्री सम्राट चौधरी हैं लेकिन अधिकारियों पर उनकी नहीं बल्कि नीतीश कुमार की ही चौधराहट चलेगी.

पुलिस समेत इन विभागों की अहम जिम्मेदारी संभालेंगे सम्राट

हालांकि, ऐसा बिल्कुल नहीं है कि सम्राट चौधरी के पास बिल्कुल भी पावर नहीं है. सूबे में  कानून व्यवस्था पूरी तरह से गृह मंत्रालय के तहत आती है. यानी पुलिस महकमा पूरी तरह से सम्राट चौधरी के हाथों में होगा. इसके अलावा जेल और इस तरह की बाकी चीजों में सीधा गृह मंत्रालय का हस्तक्षेप होता है. पुलिस अधिकारियों के तबादले और उनकी तैनाती कहां होगी यह सम्राट ही तय करेंगे. इसके अलावा पूरे राज्य में कानून व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदारी उनके पास होगी.

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सिपाही से लेकर DGP तक सम्राट को करेंगे रिपोर्ट  

पुलिस विभाग के सिपाही से लेकर डीजीपी अब सीधे सम्राट को रिपोर्ट करेंगे. किस नेता को कितनी सुरक्षा मिलेगी, ये फैसला भी सम्राट करेंगे. राज्य का खुफिया विभाग भी उन्हें ही रिपोर्ट करेगा. इसके अलावा हिंसा, दंगे को कंट्रोल करने और तमाम तरह की बड़ी गिरफ्तारियों में अब उनका सीधा हस्तक्षेप होगा.

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