hajipur news. देसरी प्रखंड कार्यालय के निर्माण के लिए अब तक विभाग को नहीं भेजा गया प्रस्ताव, आरटीआइ से खुलासा
तीन दिसंबर 1999 को देसरी प्रखण्ड की स्थापना हुई थी, 26 वर्ष बाद भी कार्यालय का अपना भवन नहीं
देसरी. देसरी प्रखण्ड सह अंचल कार्यालय के भवन निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध नहीं होने की शिकायत मुख्यमंत्री से एक बार फिर की गई है. बिहार सरकार के ग्रामीण विकास विभाग ने आरटीआई एक्टिविस्ट एवं देसरी प्रखंड परिवर्तन संघर्ष मोर्चा के सचिव रंजीत पंडित को सूचना उपलब्ध कराते हुए कहा है कि वैशाली जिला के देसरी प्रखंड सह अंचल कार्यालय एवं आवासीय भवन निर्माण हेतु भू-अर्जन प्रस्ताव विभाग में अप्राप्त है. जिला से ग्रामीण विकास विभाग को भूमि उपलब्ध कराने का प्रस्ताव नहीं भेजे जाने की सूचना मिलने पर मोर्चा के सचिव ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर भवन निर्माण हेतु भूमि उपलब्ध कराने और इस कार्य में रुचि नहीं लेने वाले पदाधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की है. मुख्यमंत्री को दिए गए पत्र में कहा गया है कि तीन दिसंबर 1999 को देसरी प्रखण्ड की स्थापना हुई थी. स्थापना के 26 वर्ष होने के बाद भी प्रखण्ड सह अंचल कार्यालय का अपना भवन नहीं होना काफी दुखद है. देसरी प्रखंड परिवर्तन संघर्ष मोर्चा के सचिव ने कहा कि वैशाली जिला के देसरी प्रखंड सह अंचल कार्यालय एवं आवासीय भवन निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध कराने की मांग 2012 से ग्रामीण विकास विभाग द्वारा की जा रही है, लेकिन जिला प्रशासन की उदासीन रवैया के कारण आज तक भवन निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध नहीं कराई जा सकी है. प्रखंड कार्यालय व्यापार मंडल के उत्पादन एवं भंडारण केंद्र से संचालित हो रहा है. उत्पादन एवं भंडारण केंद्र के छोटे कमरे में प्रखंड विकास पदाधिकारी बैठते हैं. कृषि भवन से अंचल कार्यालय देसरी का संचालन होता है. अंचलाधिकारी को भूमि देख-रेख की जवाबदेही भी होती है, लेकिन स्वयं अंचल कार्यालय के लिए भूमि नहीं होना सरकारी उदासीनता को दर्शाता है. देसरी प्रखंड परिवर्तन संघर्ष मोर्चा के सदस्य ने चेतावनी दी है कि उनकी मांगें पूरी नहीं होने पर आंदोलन किया जाएगा.
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