जैविक व अजैविक घटकों के बीच संतुलन अनिवार्य : प्राचार्य
जमुनी लाल कालेज में भूगोल विभाग की ओर से पर्यावरण संरक्षण की भूमिका पर संगोष्ठी
हाजीपुर. जमुनी लाल महाविद्यालय परिसर में बुधवार को भूगोल विभाग के बैनर तले पर्यावरण संरक्षण की भूमिका पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसकी अध्यक्षता प्राचार्य बीरेंद्र कुमार ने की. एक दिवसीय संगोष्ठी का मुख्य अतिथि जेपी विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग के अध्यक्षा एवं पूर्व प्राचार्य उषा सिंह थे. कार्यक्रम का आरंभ दीप प्रज्वलन एवं भूगोल विभाग के सहायक प्रोफेसर नेहाल अहमद ने अतिथि स्वागत के साथ किया. मौके पर अतिथियों का स्वागत शॉल, मोमेंटो एवं पौधा देकर सम्मानित किया गया. पूर्व प्राचार्य उषा सिंह ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भारतीय ज्ञान परंपरा अतीत काल से प्रासंगिक रही है. इन्होंने वैदिक श्लोक एवं रामायण तथा अन्य महाकाव्यों से पर्यावरण संरक्षण को कोट करते हुए परंपरागत संस्कृति का अनुशरण करने पर जोर दिया. कार्यक्रम के विशेष वक्ता आनंद किशोर चौधरी ने पर्यावरण संकट के लिए आज के लालची मानव के क्रिया कलापों को उत्तरदायी माना. इन्होंने बताया कि हमें पर्यावरण के प्रत्येक घटक को संतुलित अवस्था में रखना जरूरी है. कॉलेज के प्राचार्य बीरेंद्र कुमार ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में जैविक एवं अजैविक घटकों के बीच संतुलन को आवश्यक बताते हुए उनके अस्तित्व की रक्षा करने पर जोर दिया, साथ ही पेड़ पौधों की कार्य प्रणाली पर विस्तृत रूप से चर्चा की. कार्यक्रम के आयोजन सचिव सह विभागध्यक्ष डॉ वैभव ने वृक्षों की प्रासंगिकता को रेखांकित किया. मंच संचालन करने के क्रम में डॉ नेहाल अहमद ने पर्यावरण संरक्षण के लिए युवाओं को जागरूक करने पर बल दिया. कार्यक्रम के अंत में डॉ दीपशिखा चौधरी ने धन्यवाद ज्ञापित किया. इस अवसर पर डॉ प्रीति कुमारी, डॉ श्याम किशोर, डॉ रजनीश कुमार, डॉ अरुण दयाल, डॉ नचिकेता, डॉ धर्मेंद्र कुमार, डॉ चिरंजीव, डॉ छोटेलाल, डॉ स्मृति, डॉ अनामिका, डॉ वंदना, डॉ विभा, डॉ इरतेज़ा, डॉ अमरेश, डॉ सुमत सहित सैकड़ों विद्यार्थियों की सहभागिता रही. इस दौरान भूगोल विभाग के दर्जनों छात्र एवं छात्राओं को सम्मानित भी किया गया.
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