साहित्य, शिक्षा व समाज के लिए समर्पित रहा लक्ष्मण पाठक ””प्रदीप”” का जीवन

पंचदेवरी. कटेया प्रखंड के सोहनरिया बाजार में रविवार को पूर्व अध्यापक व प्रख्यात साहित्यकार स्व लक्ष्मण पाठक ''प्रदीप'' की 38वीं पुण्यतिथि मनायी गयी.

By AWEDHESH KUMAR RAJA | November 30, 2025 5:15 PM

पंचदेवरी. कटेया प्रखंड के सोहनरिया बाजार में रविवार को पूर्व अध्यापक व प्रख्यात साहित्यकार स्व लक्ष्मण पाठक ””प्रदीप”” की 38वीं पुण्यतिथि मनायी गयी. क्षेत्र के प्रबुद्ध लोगों ने उनकी प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर नम आंखों से उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर पर आयोजित स्मृति सभा में सबने उनके व्यक्तित्व व कृतित्व की सराहना की. ज्योतिषशास्त्राचार्य डॉ हरकेश तिवारी ने कहा कि लक्ष्मण पाठक ””प्रदीप”” का जीवन साहित्य, शिक्षा व समाज के लिए समर्पित रहा. जीए उच्च विद्यालय में वे हिंदी के अध्यापक रहे. उस समय उनके कुशल अध्यापन की चर्चा पूरे जिले में थी. रिटायर्ड शिक्षक सुरेंद्र पाठक ने कहा कि लक्ष्मण पाठक ””प्रदीप”” साहित्य जगत को आजीवन सींचते रहे. भोजपुरी व हिंदी साहित्य के उत्थान में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है. पूर्व मुखिया रमाशंकर तिवारी ने कहा कि लक्ष्मण पाठक ने अपनी रचनाओं से हिंदी साहित्य को ऊंचाई प्रदान की. उनकी कई रचनाएं आज भी हमारे समाज के लिए धरोहर हैं. बैकुंठपुर के मुखिया प्रतिनिधि राजीव तिवारी ने कहा कि साहित्य से उनका गहरा लगाव था. उनके द्वारा लिखी गयीं कई किताबें 1970-80 के दशक में पूरे देश में चर्चित रहीं. उन्होंने कई पत्रिकाओं का भी संपादन किया था. प्रेमचंद्र पाठक, सरोज ओझा, संजय पाठक आदि लोगों ने भी स्मृति सभा को संबोधित किया तथा कहा कि लक्ष्मण पाठक””प्रदीप”” नयी पीढ़ी के शिक्षकों व साहित्यकारों के लिए हमेशा प्रेरणास्रोत बने रहेंगे. मौके पर संयोजक गौरव पाठक, डॉ राज बल्लम सिंह, मुन्ना वर्णवाल, अशोक पाठक, रोहित पाठक सहित काफी संख्या में लोग मौजूद थे.

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