भगवान से आधा भी प्रेम कर लें, तो दर्शन निश्चित है : साध्वी शशिप्रभा

सिधवलिया. भक्ति में वह शक्ति है कि प्रभु को स्वयं भक्त को दर्शन देने पड़ते हैं. यह विचार साध्वी शशिप्रभा ने चांदपरणा गांव में आयोजित संगीतमय श्रीराम कथा के प्रथम दिन व्यक्त किये.

By AWEDHESH KUMAR RAJA | November 11, 2025 4:04 PM

सिधवलिया. भक्ति में वह शक्ति है कि प्रभु को स्वयं भक्त को दर्शन देने पड़ते हैं. यह विचार साध्वी शशिप्रभा ने चांदपरणा गांव में आयोजित संगीतमय श्रीराम कथा के प्रथम दिन व्यक्त किये. व्यास गद्दी से कथा श्रवण कराते हुए उन्होंने कहा कि जब प्रेम और समर्पण सच्चे हो, तो ईश्वर स्वयं भक्त के समीप आते हैं. उन्होंने कथा की शुरुआत में रामचरित मानस की रचना से जुड़ा प्रसंग सुनाया. उन्होंने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास जी को अपनी पत्नी से अत्यंत प्रेम था. एक बार जब उनकी पत्नी मायके गयीं, तो वे प्रेमवश आंधी, तूफान और मूसलाधार बारिश के बीच ससुराल पहुंच गये. पत्नी ने कहा कि आप मेरे इस नश्वर शरीर से जितना प्रेम करते हैं, उसका आधा भी भगवान से कर लें, तो आपको भगवान के दर्शन हो जायेंगे. साध्वी जी ने बताया कि इन वचनों ने तुलसीदास जी का जीवन ही बदल दिया. वे काशी चले गये, जहां उन्हें हनुमान जी के दर्शन हुए. हनुमान जी की प्रेरणा से उन्होंने चित्रकूट में श्रीरामचरित मानस की रचना की, जिसे स्वयं भगवान शिव ने प्रमाणित किया. साध्वी शशिप्रभा जी द्वारा गाये भजन “दुनिया मिले न श्रीराम के बिना, राम जी मिले न हनुमान के बिना” पर श्रद्धालु झूम उठे. कथा प्रारंभ से पहले मुख्य अतिथि हरिकेश सिंह ने साध्वी को अंगवस्त्र और पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मानित किया.

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