एग्जिट पोल के बाद बढ़ी राजनीतिक हलचल, कयास का दौर हुआ तेज
उचकागांव. बिहार विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद एग्जिट पोल के नतीजे सामने आने से राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है.
उचकागांव. बिहार विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद एग्जिट पोल के नतीजे सामने आने से राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है. जिले के राजनीतिक कार्यकर्ता अब चाय और पान की दुकानों पर बैठकर महिला वोटरों की भूमिका और जातीय समीकरणों के आधार पर जीत–हार की भविष्यवाणी कर रहे हैं. हथुआ विधानसभा क्षेत्र में इस बार पुरुषों की तुलना में महिला वोटरों की भागीदारी अधिक रही है, जिसने राजनीतिक समीकरणों को नया मोड़ दे दिया है. एग्जिट पोल में एनडीए की सरकार बनने के संकेत मिलते ही कुछ दलों के कार्यकर्ता उत्साहित दिखे, जबकि महागठबंधन खेमे में मायूसी नजर आयी. इसके बावजूद सभी की निगाहें अब महिला वोटरों की ओर टिकी हैं, जिनकी भूमिका इस चुनाव में निर्णायक मानी जा रही है. कई राजनीतिक जानकारों का मानना है कि महिला मतदाताओं की बढ़ती सक्रियता ने इस बार चुनावी परिणामों को काफी हद तक प्रभावित किया है. राजनीति के जानकार और वरीय अधिवक्ता जानकी शरण पाठक का कहना है कि इस बार इलेक्शन कमीशन द्वारा मतदान से पूर्व मतदाता सूची में सुधार कर मृत एवं दोहरी प्रविष्टियों को हटाया गया, जिससे वास्तविक मतदाता मतदान केंद्रों तक पहुंचे. इसके अलावा छठ पर्व के अवसर पर प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी ने भी वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने में अहम भूमिका निभायी. वहीं मीरगंज निवासी भोला सोनी ने बताया कि महिलाओं ने इस बार पहले से कहीं अधिक उत्साह के साथ मतदान किया है.
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