चुनाव प्रचार के अंतिम क्षणों में वोटरों तक पहुंचने में झोंकी ताकत

लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव 25 मई को होगा. चुनाव में जैसे-जैसे समय बीतता जा रहा है, वैसे-वैसे चुनावी समर की खामोशियां भी टूटती जा रही हैं.

By Prabhat Khabar Print | May 22, 2024 4:43 PM

गोपालगंज. लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव 25 मई को होगा. चुनाव में जैसे-जैसे समय बीतता जा रहा है, वैसे-वैसे चुनावी समर की खामोशियां भी टूटती जा रही हैं. साथ ही प्रत्याशियों की धड़कने भी तेजी से बढ़ गयी हैं. गुरुवार को अंतिम दिन चुनाव प्रचार होना है. ऐसे में बुधवार को राजनैतिक दलों के प्रत्याशियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी. एनडीए के डॉ आलाेक कुमार सुमन का मुकाबला इंडिया गठबंधन से वीआइपी के उम्मीदवार प्रेमनाथ चंचल को से हो रहा है. चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशी और उनके समर्थक अंतिम क्षणों में भी चुनाव प्रचार करने का एक मौका छोड़ना चाह रहे हैं. इस चुनाव में खास बात यह रही कि मंत्री के अलावा प्रत्येक विधानसभा चुनाव में अपने विधायक, विधायक के दावेदारों को जिम्मेदारी दी गयी है कि वे अपने विधानसभा क्षेत्र से लीड कर रिजल्ट दें. एनडीए की ओर से जदयू से शिक्षा मंत्री सुनील कुमार पिछले 15 दिनों से भोरे में कैंप कर अपने कैडर वर्करों को सहेजकर चुनाव को अपने पक्ष में करने में जुटे रहे. तो कुचायकोट में अमरेंद्र कुमार पांडेय उर्फ पप्पू पांडेय कमान संभाले हुए हैं. उसी प्रकार बैकुंठपुर में जदयू के पूर्व विधायक मंजीत सिंह, हथुआ में पूर्व मंत्री रामसेवक सिंह को जिम्मेदारी दी गयी है, जबकि भाजपा की सदर विधायक कुसुम देवी, बरौली में राम प्रवेश राय चुनाव की कमान संभाल रहे हैं. स्टार प्रचारकों को इनके ही हिसाब से कार्यक्रम भी लगाया गया. उसी प्रकार महागठबंधन की ओर से राजद की ओर से भी बैकुंठपुर में विधायक प्रेम शंकर प्रसाद, हथुआ में राजेश प्रसाद, सदर विस क्षेत्र में मोहन प्रसाद, बरौली में रेयाजुल हक राजू, कुचायकोट में पूर्व विधायक किरण राय, भोरे में भाकपा माले ने मोर्चा संभाला है. इसके अलावा कांग्रेस के दिग्गज भी जिलाध्यक्ष ओम प्रकाश गर्ग के नेतृत्व में कमान को संभाले हुए हैं. बुधवार को अन्य दिनों की अपेक्षा प्रत्याशी और उनके समर्थकों में चुनाव-प्रचार को लेकर कुछ ज्यादा ही उत्साह रहा. जहां प्रत्याशी नहीं पहुंच पाये, वहां उनके समर्थकों ने कमान संभाल ली. शहर में भी चुनावी बयार काफी तेज था. पार्टियों के चुनावी मुद्दे भी प्रचार के अंतिम दिन खूब जोर पकड़ा. चुनावी महासागर में कूदे प्रत्याशियों ने अपने हिसाब से प्रचार में दौड़ते दिखाई दिये. हर प्रत्याशी पार्टी का बखान करते हुए नहीं थक रहा थे. प्रत्याशियों को शायद यही लग रहा था कि आज जो अंतिम दिन प्रचार के लिए मिला है, उसका एक-एक सेकेंड कीमती है. इसका भरपूर इस्तेमाल करना है.

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