जिले में हाथीपांव के मरीजों का बनाया जायेगा दिव्यांगता प्रमाण पत्र: डॉ सुषमा

गोपालगंज. फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम को लेकर जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ सुषमा शरण ने प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों के साथ वर्चुअल मीटिंग की.

By Sanjay Kumar Abhay | June 3, 2025 5:46 PM

गोपालगंज. फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम को लेकर जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ सुषमा शरण ने प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों के साथ वर्चुअल मीटिंग की. मीटिंग के दौरान उन्होंने फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षा की और कहा कि जिले में हाथी पांव के मरीजों का दिव्यांगता प्रमाण पत्र प्राथमिकता के आधार पर बनाया जाना है. इसको लेकर उन्होंने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी प्रखंडों के चिन्हित हाथीपांव के मरीजों का दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाना सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि जिले में हाथीपांव के मरीज चिह्नित किये गये हैं, जिनका दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाना है. जिन मरीजों में 40 फीसदी या उससे अधिक अपंगता है, उन मरीजों का ही दिव्यांग प्रमाण पत्र बनेगा. ऐसे मरीज राज्य तथा केंद्र सरकार से दिव्यांग को मिलने वाली योजनाओं का लाभ ले पायेंगे. इसके लिए एक यूनिक डिसेबिलिटी आइडेंटिटी (यूडीआइडी) कार्ड जनरेट होता है. इस बैठक के दौरान सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, वीबीडीएस, वीडीसीओ प्रशांत कुमार, वीडीसीओ विपिन कुमार, जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार अमित कुमार, पिरामल से विंध्यवासिनी राय, मिथिलेश कुमार मौजूद थे.

मरीजों की ग्रेडिंग के आधार पर बनेगा दिव्यांगता प्रमाण पत्र

पीड़ित मरीजों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाया जा रहा है. जिन मरीजों का सात या छह ग्रेड होगा, उनका प्रमाण पत्र बनाया जायेगा. इसके बाद ही दिव्यांगता प्रमाण पत्र की मदद से सरकारी योजनाओं व सुविधाओं का लाभ लिया जा सकता है. प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आवेदक के पास आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, दिव्यांग होने का मान्यता प्राप्त प्रमाण पत्र, बैंक खाता पासबुक, चालू मोबाइल नंबर और पासपोर्ट साइज फोटो होना अनिवार्य है.

हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर खुलेंगे एमएमडीपी क्लिनिक

बैठक के दौरान डॉ सुषमा शरण ने बताया कि जिले के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर मरीजों को एमएमडीपी किट वितरित की जायेगी, जिसमें पैरों की सफाई, देखभाल और सूजन से राहत देने वाली सामग्री होगी. साथ ही मरीजों को सेल्फ केयर (स्वयं देखभाल) से संबंधित प्रशिक्षण भी दिया जायेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है