जिले के सरकारी विद्यालयों में लिया गया बाल विवाह रोकने का सामूहिक संकल्प
गोपालगंज. बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत गुरुवार को जिले के सभी सरकारी स्कूलों में सामूहिक संकल्प कार्यक्रम आयोजित किया गया.
गोपालगंज. बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत गुरुवार को जिले के सभी सरकारी स्कूलों में सामूहिक संकल्प कार्यक्रम आयोजित किया गया. छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और अभिभावकों ने मिलकर बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीति को जड़ से समाप्त करने का संकल्प लिया. सदर प्रखंड के पुरैना, कुचायकोट प्रखंड के उच्च माध्यमिक विद्यालय बेदवली, राजकीय मध्य विद्यालय विश्वंभरपुर सहित कई विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों के नेतृत्व में संकल्प सभा आयोजित हुई. राजकीय मध्य विद्यालय विश्वंभरपुर में प्रधानाध्यापक रामकृष्ण सिंह की अध्यक्षता में कार्यक्रम आयोजित किया गया. विद्यालय अध्यापिका शालिनी यादव ने बच्चों को बाल विवाह न करने और न होने देने की शपथ दिलायी. उपस्थित शिक्षकों ने बाल विवाह के दुष्परिणामों शिक्षा बाधित होना, स्वास्थ्य जोखिम, मानसिक तनाव, सुरक्षा की कमी और बालिकाओं के सपनों के टूटना पर विस्तृत रूप से जानकारी दी. प्रधानाध्यापकों ने बताया कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य स्कूली बच्चों, शिक्षकों और अभिभावकों में बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता बढ़ाना है, ताकि समाज इस बुराई के प्रति संवेदनशील बने. उन्होंने कहा कि 27 नवंबर 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने बाल विवाह मुक्त भारत कार्यक्रम की शुरुआत की थी. तभी से हर वर्ष इस दिन बाल विवाह मुक्त प्रतिज्ञा दिवस मनाया जाता है. कार्यक्रम में प्रधानाध्यापक अभय कुमार सिंह, राजकुमार शर्मा, मोहम्मद नुरुल्लाह, रामाकांत प्रसाद चौरसिया, अजय कुमार सिंह, शिल्पा कुमारी सहित कई शिक्षक और अभिभावक मौजूद थे. सभी ने मिलकर बाल विवाह समाप्त करने और समाज में जागरूकता फैलाने का संकल्प दोहराया.
फुलवरिया में छात्रों ने प्रभातफेरी से जगाया जनजागरण
फुलवरिया. प्रखंड के तुरकहां गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में गुरुवार को बाल विवाह उन्मूलन को लेकर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. प्रधानाध्यापक चंद्रिका बैठा की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं और छात्र-छात्राओं ने बाल विवाह रोकने का सामूहिक संकल्प लिया. कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीति को समाप्त करना था. प्रधानाध्यापक चंद्रिका बैठा ने अपने संबोधन में बताया कि बाल विवाह बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और भविष्य पर गहरा नकारात्मक प्रभाव डालता है. उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि वे अपने घर-परिवार और पड़ोस में जागरूकता फैलाएं, ताकि कोई भी बच्चा समय से पहले विवाह के बोझ तले न दबे. शिक्षकों ने भी बाल विवाह के दुष्परिणामों पर विस्तृत जानकारी दी और बताया कि आधुनिक समाज में शिक्षा ही बच्चों के सपनों को उड़ान देने का सबसे मजबूत आधार है. कार्यक्रम के बाद विद्यालय परिसर से प्रभात फेरी निकाली गयी, जिसमें सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया. बच्चों ने “शिक्षा है हर बच्ची का अधिकार”, “पढ़ेगी बेटी बढ़ेगी बेटी”, “रोकें बाल विवाह बचाएं भविष्य” जैसे संदेशों वाली तख्तियां लेकर पूरे गांव में नारे लगाये. फेरी के दौरान बच्चों ने लोगों को बाल विवाह के खिलाफ जागरूक किया. ग्रामीणों ने भी इस पहल की सराहना की और अभियान को समर्थन देने का संकल्प लिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
