आयुष्मान भारत योजना के लिए आइसीयू का चालू रहना है आवश्यक, सदर अस्पताल का आइसीयू बंद

गोविंद कुमार, गोपालगंज : आइएसओ प्रमाणित मॉडल सदर अस्पताल का आइसीयू (गहन चिकित्सा केंद्र) महीनों से खराब पड़ा है. बंद आइसीयू को दिखाकर आयुष्मान भारत योजना के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा निबंधन करा लिया गया. गोपालगंज में गोल्डेन कार्ड 1.50 लाख परिवार हैं, जिन्हें आयुष्मान भारत योजना के तहत नि:शुल्क इलाज करना है. सदर अस्पताल […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 24, 2019 5:35 AM

गोविंद कुमार, गोपालगंज : आइएसओ प्रमाणित मॉडल सदर अस्पताल का आइसीयू (गहन चिकित्सा केंद्र) महीनों से खराब पड़ा है. बंद आइसीयू को दिखाकर आयुष्मान भारत योजना के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा निबंधन करा लिया गया. गोपालगंज में गोल्डेन कार्ड 1.50 लाख परिवार हैं, जिन्हें आयुष्मान भारत योजना के तहत नि:शुल्क इलाज करना है.

सदर अस्पताल में पिछले तीन सालों से गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों के इलाज की व्यवस्था मामूली फॉल्ट के कारण बंद है, जिसके कारण हर रोज तीन मरीज मेडिकल कॉलेज रेफर किये जा रहे हैं.
नेशनल हाइवे होने के कारण सरकार ने गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों की इलाज के लिए सदर अस्पताल परिसर में आइसीयू की स्थापना करायी. तत्कालीन डीएम कृष्ण मोहन द्वारा जून 2013 में आइसीयू वार्ड का उद्घाटन किया गया. आइसीयू बनने के बाद कुछ महीनों तक चालू रहा, लेकिन बाद में स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता के कारण बंद हो गया.
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों की मानें तो आइसीयू को चालू करने के लिए कॉर्डियोलॉजी, सर्जन समेत अन्य विशेषज्ञ डॉक्टरों की जरूरत है, जो 24 घंटे भर्ती मरीजों की देखभाल और समय पर इलाज कर सकें, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के पास विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं हैं, जिसके कारण आइसीयू की महंगी मशीनें खराब हो रही हैं. आइसीयू बंद होने के कारण सड़क दुर्घटना, गंभीर रूप से चोटिल समेत अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों को सदर अस्पताल से मेडिकल कॉलेज पटना और गोरखपुर रेफर किया जा रहा है.
आइसीयू खुलने के बाद सदर अस्पताल के चार डॉक्टरों को प्रशिक्षण के लिए पीएमसीएच समेत अन्य बड़े मेडिकल कॉलेजों में भेजा गया था. कुछ माह पूर्व सदर अस्पताल के चिकित्सकों का तबादला मेडिकल अफसर के रूप में दूसरे जिले में हो गया. इसके बाद से आइसीयू को स्पेशलिस्ट डॉक्टर नहीं मिले हैं.
जून 2013 में हुआ था उद्घाटन
जिले की 26 लाख आबादी की बेहतर इलाज के लिए जून 2013 में तत्कालीन डीएम कृष्ण मोहन ने आइसीयू का उद्घाटन किया था. उद्घाटन के बाद कुछ महीनों तक आइसीयू चालू रहा लेकिन डीएम के जिले से ट्रांसफर होने के बाद आइसीयू की हालत खराब हो गयी और धीरे-धीरे बंद हो गया.
क्या कहते हैं अधिकारी
सदर अस्पताल का आइसीयू बंद है, उसे चालू कराने की दिशा में लगातार प्रयास किया जा रहा है. डॉक्टरों की कमी दूर होते ही चालू कर दिया जायेगा.
डॉ पीएन राम, प्रभारी सिविल सर्जन, गोपालगंज

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