Gaya News : जिले में महिला संवाद कार्यक्रमों में चार लाख से अधिक की हुई भागीदारी

Gaya News : कार्यक्रम. संवाद कार्यक्रम से सशक्त हुई आधी आबादी, बाल विवाह रोकने और शिक्षा को बढ़ावा देने का संकल्प

By PANCHDEV KUMAR | May 29, 2025 10:01 PM

गया जी. जिले में महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत महिला संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसने लाखों महिलाओं को जागरूक कर उन्हें अपनी आवाज बुलंद करने का अवसर प्रदान किया. इन कार्यक्रमों में बाल विवाह के खिलाफ जनजागरूकता बढ़ाने और लड़कियों की शिक्षा को प्राथमिकता देने पर विशेष जोर दिया गया. बाराचट्टी में आयोजित कार्यक्रम में महिलाओं ने स्वयं आगे बढ़कर अन्य महिलाओं को प्रेरित किया और उन्हें अपने अधिकारों व शिक्षा के महत्व से अवगत कराया. जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन ने गुरुवार को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि संवाद कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाएं न केवल सामाजिक मुद्दों पर अपनी राय रख रही हैं, बल्कि स्थानीय समस्याओं को भी एप के माध्यम से प्रशासन तक पहुंचा रही हैं. 54 स्थानों पर हुआ आयोजन, 21 प्रखंडों की महिलाओं ने लिया भाग डीएम के अनुसार, जिले के 21 प्रखंडों जैसे बाराचट्टी, बांकेबाजार, गुरुआ, शेरघाटी, आमस, चंदौती, मानपुर, बोधगया आदि में 54 स्थानों पर महिला संवाद कार्यक्रम आयोजित किये गये. इन बैठकों में 2200 से अधिक ग्राम संगठनों ने सक्रिय सहयोग किया. अब तक 3167 ग्राम संगठनों के माध्यम से महिलाओं तक सरकारी योजनाओं की जानकारी सफलतापूर्वक पहुंचायी गयी है. तकनीक का प्रभावी उपयोग, महिलाओं की भागीदारी सराहनीय इन संवाद कार्यक्रमों को प्रभावशाली बनाने के लिए तकनीकी संसाधनों का भी उपयोग किया गया. इनमें डिजिटल स्क्रीन युक्त वाहन, वीडियो फिल्में, वर्चुअल संचार उपकरण, सेल्फी प्वाइंट व स्टैंडी, मुख्यमंत्री संदेश और योजनाओं के लीफलेट्स. इन सभी माध्यमों से 31 से अधिक सरकारी योजनाओं की जानकारी दी गयी. महिलाओं ने संवाद एप के जरिये अपनी आकांक्षाएं और समस्याएं दर्ज करायीं, जिससे उनकी बात सीधे प्रशासन तक पहुंच सके. सशक्तीकरण की ओर एक सशक्त कदम कभी घर की चारदीवारी तक सीमित रहने वाली महिलाएं आज इन बैठकों में सक्रिय भागीदारी कर रही हैं. वे अब बाल विवाह के खिलाफ खड़ी हो रही हैं, लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा दे रही हैं और सामुदायिक विकास में अपनी भूमिका निभा रही हैं. महिला संवाद कार्यक्रम न केवल एक जागरूकता मंच बन गया है, बल्कि यह महिलाओं को उनके अधिकारों, सरकारी संसाधनों और योजनाओं के प्रति सचेत करने का एक सशक्त औजार भी बन रहा है.

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