जीतन राम मांझी ने कहा,नीतीश से चोली-दामन का संबंध

गया : मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा है कि नीतीश कुमार के साथ मेरा चोली-दामन का संबंध है. हमारे बीच कोई मनभेद या मतभेद नहीं है. मीडिया में जो बातें सामने आयी हैं, सब फिजुल की हैं. कोई आधार नहीं है. वे दोनों (सीएम व नीतीश) अपने-अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं. पार्टी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 1, 2014 4:24 AM
गया : मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा है कि नीतीश कुमार के साथ मेरा चोली-दामन का संबंध है. हमारे बीच कोई मनभेद या मतभेद नहीं है. मीडिया में जो बातें सामने आयी हैं, सब फिजुल की हैं.
कोई आधार नहीं है. वे दोनों (सीएम व नीतीश) अपने-अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं. पार्टी के सशक्तिकरण में नीतीश कुमार लगे हैं ओर पार्टी ने मुझे सरकार चलाने का दायित्व सौंपा है. मैं अपना काम कर रहा हूं. इसमें ऐसा क्या है, जो इतनी बातें बनायी जा रही हैं? मानपुर स्थित गौरक्षणी द्वारा आयोजित गोपाष्टमी महोत्सव के उदघाटन के बाद उन्होंने कहा कि भाजपा में मेरे जाने का सवाल ही नहीं उठता.
पूर्व केंद्रीय मंत्री सीपी ठाकुर द्वारा दिये गये आमंत्रण पर कहा कि सीपी ठाकुर पहले अपने बारे में सोचें. यह देखें कि उनकी पार्टी में उन्हें कितनी तरजीह मिल रही है.
जदयू नेतृत्व ने तो मुझे मुख्यमंत्री तक बनाया. उन्होंने कहा कि उस पार्टी में जिन्हें खुद का ठिकाना नहीं पता है, वे दूसरे को न्योता दे रहे हैं.
मीडिया की नजर में हम गंवार : मुख्यमंत्री ने कहा, आप सभी जानते हैं कि मैं कैसा हूं और कितना पढ़ा-लिखा हूं. पर, मीडियावालों का हाल देखिए. उनकी नजरों में हम निठाह गंवार हैं.
भारतीय संस्कृति में वैज्ञानिकता : उन्होंने कहा कि छठ में लोग डूबते सूर्य को अर्घ देते हैं. इसका हमारी संस्कृति से गहरा रिश्ता है. माता-पिता बच्चों का भरण-पोषण करते हैं. लालन-पालन कर बड़ा करते हैं. जब वे वृद्ध हो जाते हैं, तो उन्हें वृद्धाश्रम भेज देते हैं. तब, जब हमें उनका सम्मान करना चाहिए, उनकी सेवा करनी चाहिए. कैसा जमाना आ गया है? हमारी भारतीय संस्कृति पुरातन है. डूबते सूर्य को अर्घ देने से सीख लेने की जरूरत है.
जो सूरज हमें दिन भर रोशनी देता है, ऊर्जावान बनाये रखता है, जब वह अस्त होने लगता है, तो हम उसके प्रति आभार जताते हैं, सम्मान में नतमस्तक होते हैं. यह बात माता-पिता के साथ क्यों नहीं लागू करते? उन्होंने लोगों से अपील की कि भारतीय संस्कृति से दूर जाना ठीक नहीं. इसमें वैज्ञानिकता है.

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