अंजना हत्याकांड मामले में पुलिसिया कार्रवाई अब तक संदेहास्पद : राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग

वरीय संवाददाता @ गया पटवाटोली के अंजना हत्याकांड में अब तक की पुलिसिया कार्रवाई संदेहास्पद दिखती है. 28 दिसंबर को अंजना की तलाश में पुलिस जुटती, तो वह आज जिंदा होती. कई बिंदुओं पर लोगों से पूछताछ की जा रही है. उक्त बातें राष्ट्रीय और प्रदेश बाल संरक्षण आयोग की तीन सदस्यीय टीम पटवाटोली में […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 18, 2019 8:18 AM

वरीय संवाददाता @ गया

पटवाटोली के अंजना हत्याकांड में अब तक की पुलिसिया कार्रवाई संदेहास्पद दिखती है. 28 दिसंबर को अंजना की तलाश में पुलिस जुटती, तो वह आज जिंदा होती. कई बिंदुओं पर लोगों से पूछताछ की जा रही है. उक्त बातें राष्ट्रीय और प्रदेश बाल संरक्षण आयोग की तीन सदस्यीय टीम पटवाटोली में पहुंच कर अंजना हत्याकांड के सिलसिले में जांच करने के बाद सर्किट हाउस में पत्रकारों से गुरुवार की शाम को कहीं.

टीम में शामिल राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के सदस्य संदीप राठी, प्रदेश आयोग के प्रेमा साह और विजय कुमार रोशन शामिल थे. सदस्यों ने कहा कि घटना के बाद जिस तरह की पुलिस भूमिका होनी चाहिए, अब तक नहीं है. मृतका के पिता को जांच पूरा किये बिना ही जेल भेज दिया गया. यह न्यायोचित नहीं दिखता है. पुलिसिया कार्रवाई से मृतका की मां आशा देवी, बहन भारती कुमारी, विमला कुमारी और सिमरन कुमारी बहुत भयभीत हो गयी है. सदस्यों ने कहा कि इन लोगों के डर को दूर करने के लिए जिला बाल संरक्षण इकाई से एक महिला काउंसलर को काउंसेलिंग के लिए प्रतिनियुक्त किया गया है. हर दिन पटवाटोली जाकर ये तीनों को काउंसेलिंग करेंगी.

लिया जा रहा डॉक्टर व अन्य लोगों से रिपोर्ट

आयोग के सदस्यों ने कहा कि मृतका का पोस्टमार्टम करनेवाले डॉक्टर से रिपोर्ट ली जा रही है. साथ ही अंजना की बहन और मां ने शिकायत की है कि पुलिस पूछताछ में उसके साथ मारपीट की गयी है. इसके साथ ही अंजना की बहनें नाबालिग हैं. उसके बाद भी उसे पुलिस के आवेदन पर नार्को टेस्ट के लिए नोटिस दिया गया है. इसकी भी जांच की जायेगी. सदस्यों ने कहा कि किसी भी सूरत में नाबालिग का नार्को टेस्ट नहीं कराया जा सकता है. पूछताछ के दौरान बच्ची से मारपीट किये जाने की बात जांच में सत्य पायी जाती है, तो दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई होनी तय है.

एसडीओ कार्यालय ने उठायी शिक्षा की जिम्मेदारी

एसडीओ सूरज कुमार सिन्हा ने बताया कि पीड़ित परिवार को गेहूं और चावल 50-50 किलो दिया गया है. साथ ही अंजना की तीनों बहनों के पढ़ाई की जिम्मेदारी भी एसडीओ कार्यालय के पास होगी. उन्होंने बताया कि बच्चियां जिस भी स्कूल में पढ़ना चाहेंगी. उनका नामांकन वहां करा दिया जायेगा. इसके अलावा प्रशासनिक स्तर पर पीड़ित परिवार को और भी मदद की जायेगी. गौरतलब है कि टीम के सदस्यों ने पटवाटोली में ही एसडीओ सूरज कुमार सिन्हा को बच्चियों की शिक्षा और भोजन की व्यवस्था तत्काल करने का निर्देश दिया था. इसके बाद यह कार्रवाई एसडीओ की ओर से की गयी है.

टीम के सदस्यों ने पीड़ित परिवार से की पूछताछ

राष्ट्रीय और प्रदेश बाल संरक्षण आयोग के तीन सदस्यीय टीम गुरुवार को पटवाटोल पहुंच कर अंजना के परिजन और आसपास के लोगों से घटना के बारे में जानकारी ली. लोगों से कई सारे बिंदुओं पर तीनों सदस्यों ने पूछताछ की. अंजना तीन बहनों के शिक्षा के बारे में जानकारी ली. सदस्यों को जब यह जानकारी मिली कि गरीबी हालत के कारण बच्चियों का शिक्षा बंद है. इस पर सदस्यों ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि इनकी शिक्षा व परिवार के लालन-पालन की जिम्मेदारी प्रशासन उठाये. इसके साथ ही टीम के सदस्यों को अब तक की गयी पुलिसिया कार्रवाई से अवगत कराया. इस दौरान मृतका की बहन भारती कुमारी और मां आशा देवी ने सदस्यों को बताया कि उसके साथ पूछताछ के नाम पर पुलिस अधिकारी ने मारपीट की और झूठा बयान देने का दबाव डाला. दोनों ने कहा कि भयभीत होकर ही पुलिस के कहे बयान को दिया.

Next Article

Exit mobile version