इसी माह से घर पहुंचने लगेगा जमीन का नक्शा, डोर स्टेप डिलीवरी वाला पहला राज्य बनेगा बिहार,ऐसे करें ऑनलाइन आवेदन

रैयत को उसकी जमीन का नक्शा घर पर पहुंचाने वाला बिहार पहला राज्य बनने जा रहा है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग जुलाई के अंत तक राज्य भर में नक्शे की डोर स्टेप डिलीवरी शुरू कर देगा.

By Prabhat Khabar | July 10, 2021 7:02 AM

पटना. रैयत को उसकी जमीन का नक्शा घर पर पहुंचाने वाला बिहार पहला राज्य बनने जा रहा है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग जुलाई के अंत तक राज्य भर में नक्शे की डोर स्टेप डिलीवरी शुरू कर देगा. इसके लिए बिहार सर्वेक्षण कार्यालय ने डाक विभाग और बैंक के साथ एमओयू कर लिया है. सुरक्षा संबंधी ऑडिट आदि क्लियरेंस की औपचारिकता भी पूरी हो चुकी है.

नक्शा के लिए अॉनलाइन आवेदन के साथ ही गेटवे के जरिये आॅनलाइन पेमेंट करने की सुविधा रहेगी. भुगतान के लिए बैंक अलग से कोई चार्ज नहीं लेंगे. सभी प्रमुख बैंक यह सुविधा देने के लिए सहमत हैं. अब तक नक्शा लेने के लिए पटना के गुलजारबाग सर्वेक्षण कार्यालय आना पड़ता है.

कंटेनर में होगी नक्शों की डिलीवरी

नक्शे को क्षति न पहुंचे, इसके लिए उसकी डिलीवरी कंटेनर में होगी. एक कंटेनर की कीमत 35 रुपये है. प्रत्येक कंटेनर में पांच नक्शों को पैक किया जा सकता है. लोगों को तीन नक्शाें के लिए कंटेनर समेत डाक शुल्क के रूप में 100 रुपये चुकाने होंगे.

तीन से अधिक नक्शों का कंटेनर सहित डाक शुल्क 150 रुपये है. डोर स्टेप डिलीवरी की तैयारियों का निरीक्षण करने शुक्रवार को सर्वेक्षण कार्यालय पहुंचे भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशक जय सिंह ने बताया कि कंटेनर की खरीद की जा चुकी है.

डाक विभाग नक्शाें की डिलीवरी स्पीड पोस्ट के जरिये करेगा. प्रत्येक कंटेनर पर विशेष बार कोड होगा. डाक विभाग ने पांच लाख बार कोड का आवंटन कर दिया है. कंटेनर पर बार कोड जेनेरेटेड स्टिकर लगाया जायेगा.

ऐसे करना होगा ऑनलाइन आवेदन

नक्शे की ऑनलाइन डिलीवरी के लिए सबसे पहले भू–अभिलेख और परिमाप निदेशालय की वेबसाइट dlrs.bihar.gov.in पर जाकर door step delivery system सॉफ्टवेयर को क्लिक करना होगा. पेज पर रैयत को जिला, राजस्व थाना और मौजा सेलेक्ट करने का ऑप्शन आयेगा.

इसका चयन करने के पर उस गांव का नक्शा एक या एक से अधिक शीट में दिखाई देगा. एक बार में अधिकतम पांच शीट को सेलेक्ट किया जा सकता है. जो भी शुल्क शीट, संख्या और वजन के मुताबिक निर्धारित है, वह साइट पर दिख जायेगा. पेमेंट गेटवे में डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और यूपीआइ से भुगतान की सुविधा दी गयी है.

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने कहा कि पोस्ट कोविड काल में एेसी व्यवस्था की आवश्यकता शिद्दत से महसूस की जा रही थी. इससे काउंटरों के बाहर लगने वाली लंबी-लंबी कतारों से मुक्ति मिलेगी व पारदर्शिता आयेगी. आम लोगों को भी नक्शे के लिए बेवजह की भाग-दौड़ से मुक्ति मिल जायेगी. यह कदम लोक सेवाओं को जनता के द्वार तक पहुंचाने की दिशा में क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है.

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री राम सूरत कुमार ने कहा कि विभाग के इस कदम से लोगों को काफी सहूलियत होगी. दलालों और बिचौलियों पर प्रभावी अंकुश लगेगा. जिलों में प्लॉटर के जरिये नक्शों की आपूर्ति पहले की तरह जारी रहेगी. साथ ही भू मानचित्र सॉफ्टवेयर के जरिये रैयत ए-4 साइज के कागज में फ्री में प्रिंट कर सकते है.

Posted by Ashish Jha

Next Article

Exit mobile version