नेपाल से आकर बिहार में तबाही मचा रहा हाथियों का झुंड, मकान की दीवार को तोड़ा, रतजगा कर रहे ग्रामीण

बिहार के सीमांचल में हाथियों का झुंड इस साल भी फसल नष्ट करने लगे हैं. ये हाथी नेपाल से आते हैं और हर साल तबाही मचाते हैं. हाथियों ने मकान की दीवार को भी तोड़ दिया. लोग रतजगा कर रहे हैं और भय के साये में जीने को मजबूर हैं.

By Prabhat Khabar Print Desk | January 17, 2023 1:58 PM

Elephant News: बिहार में सीमांचल अंतर्गत सीमावर्ती क्षेत्र के गांवों में जंगली हाथियों का आतंक लगातार जारी है. किशनगंज में सोमवार के मध्य रात्रि में भी धनतोला पंचायत के डोरिया गांव में दो जंगली हाथियों ने खेतों में लगे मकई व आलू की फसल को बर्बाद कर दिया. वहीं एक मकान के दीवार को तोड़ दिया. डोरिया गांव निवासी रसिक लाल गणेश के पक्के घर की एक दीवार को तोड़ दिया. साथ ही कई एकड़ में लगे मक्के व आलू की फसल को बर्बाद कर दिया.हालांकि हाथियों का झुंड रात्रि में ही नेपाल लौट गया.

नेपाल लौट गया हाथियों का झुंड

रात में लोगों ने एक दूसरे को हाथी आने की सूचना मोबाइल पर दी. सभी गांव वाले इन दिनों रतजगा कर रहे हैं. हाथियों के आतंक से लोग भयभीत हैं. अब इन क्षेत्रों में हाथियों का आवागमन लगातार जारी रहेगा. बताते चले कि प्रखंड के पूर्वी सीमावर्ती क्षेत्र में जंगली हाथियों का आवागमन शुरू हो गया है. जो अब जारी रहेगा. क्षेत्र में मकई की खेती शुरू होते ही जंगली हाथियों का आवागमन शुरू हो जाता है.

हाथियों का झुंड इन गांवों में मचाता है तबाही

हाथियों का झुंड इस क्षेत्र के खेतों में लगे हुए सभी फसलों को नुकसान पहुंचायेंगे. वही लोगों के कच्चे मकान को तोड़ कर नष्ट करेंगे और अनाज भी बर्बाद करेंगे. हाथियों के लिए यह क्षेत्र कोई नया नहीं है. पिछले करीब छह सात वर्षों से हाथियों का झुंड लगातार धनतोला पंचायत के पांचगाछी, डोरिया, मुलाबाड़ी, धनतोला, पिपला, खाड़ीटोला, बिहारटोला सहित गंधर्वडांगा, बारहभांग गांवों में प्रत्येक वर्ष हजारों एकड़ में लगे फसल को बर्बाद कर किसानों का लाखों का नुकसान करते हैं. मगर वन विभाग और स्थानीय प्रशासन इसे रोकने में असफल रहा है.

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डर से दहशत में जी रहे लोग

सबसे दिलचस्प बात यह है कि इतना सब कुछ होने के बावजूद भी वन विभाग और स्थानीय प्रशासन द्वारा इस संबंध में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रही. हां कभी कभी वन विभाग के कर्मी क्षेत्र में लोगों से हाल जानने के लिए जरूर आ जाती है, बस सीमावर्ती क्षेत्र के लोग हमेशा हाथियों के डर से दहशत में जी रहे हैं. और उनको सुरक्षा का भरोसा देने के लिए कोई सामने नहीं आ रहा है.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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