सावधान! कोर्ट परिसर में खुले काउंटर से मिल रहा फर्जी ज्यूडिशियल स्टांप, आपको हो सकती है बड़ी परेशानी

बिहार में ज्यूडिशियल स्टांप पेपर की कालाबाजारी को रोकने के लिए सरकार और न्यायालय के द्वारा बड़े स्तर पर कोशिश और व्यवस्था में सुधार किये जा रहे हैं. हालांकि, कालाबाजारी कोई न कोई रास्ता निकालकर अपना धंधा चला रहे हैं.

By Prabhat Khabar Print Desk | May 19, 2023 11:34 AM

बिहार में ज्यूडिशियल स्टांप पेपर की कालाबाजारी को रोकने के लिए सरकार और न्यायालय के द्वारा बड़े स्तर पर कोशिश और व्यवस्था में सुधार किये जा रहे हैं. हालांकि, कालाबाजारी कोई न कोई रास्ता निकालकर अपना धंधा चला रहे हैं. अब बताया जा रहा है कि मुजफ्फरपुर व्यवहार न्यायालय में नयी व्यवस्था के तहत रजिस्ट्री ऑफिस से खुले काउंटर से फर्जी ज्यूडिशियल स्टांप की बिक्री की जा रही है. गुरुवार को जांच के क्रम में 25-25 रुपये के चार फर्जी वेलफेयर ज्यूडिशियल स्टांप मिला. इसके बाद कचहरी में स्टांप बेचने वाले वेंडरों ने इसको लेकर खूब हल्ला-हंगामा किया.

जिला बार एसोसिएशन के महासचिव सच्चिदानंद सिंह को आवेदन देकर स्टांप वेंडर सत्या सिंह ने इसकी शिकायत की है. कहा है कि फ्रैकिंग मशीन से स्क्रीनिंग के दौरान ज्यूडिशियल स्टांप के बंडल में फर्जी चार पेज को लगा दिया. देखने से ही वह फर्जी प्रतीत होता है. मोबाइल से जब उस पर अंकित कोड को स्कैन किया, तो नहीं हुआ. इसके बाद वे चारों टिकट लेकर वापस करने के लिए काउंटर पहुंचे. तब तैनात कर्मी उलझ गये. कहा कि यह टिकट इस काउंटर से नहीं जारी किया गया है. उन्होंने पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.

वेंडर सत्या सिंह का कहना है कि जो कर्मचारी काउंटर पर तैनात हैं, उनकी संदिग्ध भूमिका की जांच जरूरी है. पहले कोर्ट परिसर में ई-स्टांप बेचने की जिम्मेदारी स्टॉक होल्डिंग नामक एजेंसी को थी. लेकिन, पिछले सप्ताह रजिस्ट्री ऑफिस खुद से विभाग द्वारा विकसित एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के माध्यम से ई-कोर्ट फीस यानी स्टांप बेचने की प्रक्रिया को प्रारंभ कराया है. इधर, मामले की जानकारी जब रजिस्ट्री ऑफिस के कर्मचारी व अधिकारियों को मिली है. तब आंतरिक तरीके से इसकी जांच-पड़ताल शुरू करा दी गयी है.

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