ईडी ने लोगों से करोड़ों की ठगी करने वाले दंपत्ति की जब्त की अवैध संपत्ति, जानें पूरा मामला…

Bihar news: ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए लोगों से करोड़ों की ठगी करने और सरकारी जमीन को गलत तरीके से बेचने वाले दंपती की अवैध संपत्ति जब्त कर ली है. इनकी पटना, रोहतास और सासाराम में मौजूद चल और अचल संपत्ति को जब्त किया. इसमें पटना में मौजूद डेढ़ दर्जन से बैंक खातों को जब्त किया गया.

By Prabhat Khabar | March 25, 2021 8:35 PM

पटना. ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए लोगों से करोड़ों की ठगी करने और सरकारी जमीन को गलत तरीके से बेचने वाले दंपती की अवैध संपत्ति जब्त कर ली है. इनकी पटना, रोहतास और सासाराम में मौजूद चल और अचल संपत्ति को जब्त किया. इसमें पटना में मौजूद डेढ़ दर्जन से बैंक खातों को जब्त किया गया. इसके अलावा बैंक बैलेंस, बीमा, पटना में फ्लैट तथा सासाराम एवं रोहतास में 13 प्लॉट शामिल हैं. इनका सरकारी मूल्य एक करोड़ एक लाख 55 हजार से ज्यादा है.

जबकि इनका बाजार मूल्य इससे कहीं ज्यादा है. पटना शहर के पश्चिमी एसके पुरी के मानस मार्ग के रोड नंबर-2 में विन्ध्य अंबिका अपार्टमेंट में इनका फ्लैट है, जिसकी सरकारी कीमत 74 लाख 40 हजार रुपये है. सासाराम और रोहतास में 23 लाख 71 हजार मूल्य के जमीन के 13 प्लॉट हैं. इसके अलावा पटना और सासाराम के बैंकों में सीता कुमार, सुरेंद्र कुमार और बेटी लिप्सा कुमारी के नाम से 13 से ज्यादा खाते मिले हैं, जिनमें 56 हजार से ज्यादा रुपये जमा हैं. दंपती के नाम पर दो लाख 87 हजार रुपये से ज्यादा का जीवन बीमा के कागजात भी जब्त किये गये हैं.

यह है ठगी का पूरा मामला

सीता कुमारी और सुरेंद्र कुमार ने मिलकर ‘बुद्धिस्ट वेलफेयर ट्रस्ट’ नामक संस्थान खोली थी और इसके जरिये चिट फंड जैसी स्कीम के जरिये आम लोगों से करीब 10 करोड़ रुपये जमा कराये और फिर फरार हो गये. ‘बंटी और बबली’ जोड़ी की तर्ज पर इस दंपती ने कई लोगों को सरकारी जमीन भी रजिस्ट्री कर दी. इस मामले का खुलासा होने पर पटना के शास्त्री नगर थाना में 2013 में एफआइआर दर्ज की गयी थी.

फिर 2016 में बिहार पुलिस ने इससे संबंधित दो चार्जशीट भी जमा की है. इस ट्रस्ट के चेयरमैन सुरेंद्र कुमार और सेक्रेटरी सीता कुमारी हैं. इस ट्रस्ट के खातों से इन दोनों अपने निजी खातों के अलावा बेटी लिपसा कुमार के निजी खाते में भी पैसे ट्रांसफर किये हैं. इन लोगों ने अपने ट्रस्ट में जिन्हें सदस्य बनाया था, उनके नाम से भी फर्जीवाड़ा

Posted by: Radheshyam kushwaha

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