Darbhanga News : चरम पर पहुंचा जल संकट, कर्ज लेकर समरसेबुल लगवा रहे मजबूर लोग
भू-गर्भीय जलस्तर के नीचे खिसकने से प्रखंड क्षेत्र में उत्पन्न जल संकट से निजात के लिए ग्रामीण क्षेत्र के लोग अब कर्ज लेकर समरसेवल लगवा रहे हैं.
बेनीपुर. भू-गर्भीय जलस्तर के नीचे खिसकने से प्रखंड क्षेत्र में उत्पन्न जल संकट से निजात के लिए ग्रामीण क्षेत्र के लोग अब कर्ज लेकर समरसेवल लगवा रहे हैं. विदित हो कि अनावृष्टि के कारण भू-गर्भीय जलस्तर नीचे खिसक गया है. इससे क्षेत्र के अधिकांश गांव में सामान्य चापाकल ने पानी देना बंद कर दिया है. ताल-तलैया भी सूख चुके हैं. वहीं नल-जल योजना पीएचइडी की उदासीनता के कारण बेकाम पड़ी है. ऐसे में गांव के लोगों के सामने समरसेबल लगावाने के सिवा और कोई विकल्प नहीं रह यगा है. सक्षम लोग तो आराम से इसे लगवा रहे हैं, लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए यह मजबूरी हो गयी है. वे कर्ज लेकर समरसेबल लगवा रहे हैं. लाचारी में समरसेबल लगा रहे संतोष झा, पवन चौरसिया, अमरकांत राय, चलितर पासवान आदि ने कहा कि पानी की पूर्व की सारी व्यवस्था फेल हो चुकी है. मनुष्य से लेकर माल मवेशी तक को पीने के पानी के लिए लाले पड़ रहे हैं. समरसेबल लगाने में एक लाख की खर्च पर रहा है जो सामान्य परिस्थिति में 60 से 70 हजार में हुआ करता था. फिर भी मजबूरी है. क्षेत्र में समरसेबल की बढ़ती मांग के कारण दोहरीमार जरूरतमंद झेल रहे हैं. एक तरफ दुकानदार इसके नाम पर मोटर पाइप आदि के नाम पर मनमानी राशि वसूल रहे हैं. वहीं इसे गाड़ने वाले मिस्त्री का भाव भी आसमान चढ़ा हुआ है. पूर्व में जो 30 से-35 रुपए फुट गड़ा जाता था, वह अभी 70 से 75 रुपए की दर से गाड़ा जा रहा है. वहां भी उपभोक्ताओं की लंबी सूची है. तत्काल सेवा की अलग फीस देनी पड़ती है. विदित हो कि अनावृष्टि के कारण क्षेत्र में जल संकट गहराता ही जा रहा है. पीएचइडी नल-जल चालू करने में विफल साबित हो रहा है. वैसे स्थानीय विधायक विनय कुमार चौधरी इसके प्रति प्रयत्नशील दिख रहे हैं. उनके प्रयास से कार्य में अक्षम पीएचइडी के अभियंताओं पर कार्रवाई भी हुई है, पर अभी भी आमजन को पानी नहीं मिल रहा है.
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