Darbhanga News: ईद को लेकर डिजाइनर टोपियों से पटा बाजार, साठ लाख के कारोबार का अनुमान

Darbhanga News:माहे रमजान अब अपने आखरी पड़ाव की ओर बढ़ चला है. अगले सप्ताह अलविदा की नमाज जुमे के दिन अदा की जायेगी.

By PRABHAT KUMAR | March 22, 2025 11:12 PM

Darbhanga News: दरभंगा. माहे रमजान अब अपने आखरी पड़ाव की ओर बढ़ चला है. अगले सप्ताह अलविदा की नमाज जुमे के दिन अदा की जायेगी. फलत: ईद की तैयारी भी तेज हो गयी है. ईद पर पारंपरिक पकवानों के प्रबंध संग नये लिबास के साथ टोपियों की भी लोग खरीदारी कर रहे हैं. इसके लिए बाजार पहले से ही तैयार है. इस पर्व में टोपियों की मांग स्वाभाविक रूप से काफी बढ़ गयी है. शहर के मौलागंज, बाकरगंज, शिवधारा, कादिराबाद, कटहलबाड़ी, दरभंगा टावर, नीम चौक, लालबाग, सुभाष चौक, करमगंज, उर्दू बाजार सहित अन्य स्थानों पर टोपियों की दुकान पर खरीदारों की भीड़ में इजाफा दिन-ब-दिन होता जा रहा है. यहां एक से बढ़कर एक डिजाइन की टोपियां उपलब्ध हैं. तुर्की, इंडोनेशिया, बांगलादेश सहित कई अन्य देशों की टोपियों से बाजार सजा है. इसके अलावा रामपुरी टोपी और गया वाली टोपी की भी मांग दिख रही है. दुकानों में 10 रुपये से लेकर 15 सौ रुपये तक के रेंज की टोपियां मिल रही हैं. इस बार ईद पर एक अनुमान के मुताबिक करीब साठ लाख की टोपियों के कारोबार होगा. जगह-जगह सज गयी सैकड़ों अस्थायी दुकानें ईद पर टोपियों की मांग को देखते हुए शहर के विभिन्न मुहल्लों में सैकड़ों अस्थायी दुकानें सज गयी हैं. सड़क किनारे कुछ जगह अस्थायी निर्माण कर टोपियां बेची जा रही हैं तो ठेला पर भी टोपी सजी हुई दिख रही है. अब तो ग्रामीण इलाकों में घूम-घूमकर भी टोपियांं बेची जा रही हैं. कारोबारी हसन वारसी ने बताया कि रमजान को लेकर स्थानीय दुकानदारों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के कारोबारी भी यहां पहुंचते हैं. डिजाइनर टोपियाें की मांग सर्वाधिक है. वहीं सैफुल इस्लाम ने बताया कि लोग अपनी पसंद और बजट के अनुसार टोपियां खरीद रहे हैं. कोलकाता से मंगायी गयी टोपियां विभिन्न देशों की टोपियां बाजार में उपलब्ध हैं. ये टोपियां कोलकाता से ट्रांसपोर्ट के जरिए मंगायी गयी हैं. कारोबारी शमशेर शेख के मुताबिक कई देशों की टोपियां कोलकाता के रास्ते यहां मंगाये जाते हैं. इस अवसर पर इसकी अच्छी खपत होती है. वहीं दुकानदार इरफान ने बताया कि रोजा खोलने के बाद बाजार में खरीदार उतरते हैं. देर रात तक कारोबार चलता रहता है. ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी खरीदारी के लिए पहुंचने लगे हैं.

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