Darbhanga News: जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखकर किसान करें खरीफ फसल की बोआई
Darbhanga News: रेवढ़ा प्राथमिक विद्यालय उत्तरवारी टोल में सोमवार को किसान चौपाल लगाया गया.
Darbhanga News: जाले. रेवढ़ा प्राथमिक विद्यालय उत्तरवारी टोल में सोमवार को किसान चौपाल लगाया गया. अध्यक्षता प्रगतिशील किसान प्रह्लाद राय व संचालन एटीएम आनंद कौशल ने किया. इस दौरान जलवायु परिवर्तन को देखते हुए खरीफ फसल लगाने का आग्रह किसानों से किया गया. इसमें कृषि विज्ञान केंद्र की गृह वैज्ञानिक पूजा कुमारी, प्रक्षेत्र प्रबंधक डॉ चंदन कुमार सहित कृषि समन्वयक राज कुमार व किसान सलाहकार सुनील कुमार सिंह उपस्थित थे. वैज्ञानिकों ने बताया कि डॉ राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने धान के कुछ ऐसे प्रभेद का विकास किया है, जो कम समय में तैयार हो जाता है. इसकी उपज भी अच्छी होती है. विश्वविद्यालय द्वारा विकसित धान के प्रभेदों में राजेन्द्र भगवती, राजेन्द्र सरस्वती, राजेन्द्र नीलम व प्रभात सबसे उपयुक्त है. राजेन्द्र नीलम 110 दिनों में तैयार होने वाला प्रभेद है. यह 35 से 40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज देती है. इसका चूड़ा काफी अच्छा होता है. वहीं राजेन्द्र भगवती व सरस्वती का चावल खाने में काफी स्वादिष्ट होता है. यह हल्का और सुगंधित भी होता है. यह प्रभेद भी 110 से 115 दिनों में तैयार होता है. इन प्रभेदों में कम पानी, कम लागत में बेहतर उत्पादन होता है. किसान इसका बिचड़ा 10 से 25 जून के बीच गिरा सकते हैं. 22 से 25 दिनों के बाद बिचड़ा उखाड़कर रोप सकते हैं. वहीं 20 जून तक सीधी बोआई भी कर सकते हैं. वैज्ञानिकों ने बताया कि गुणवत्तापूर्ण चावल के लिए राजेन्द्र कस्तूरी, राजेन्द्र सुभाषिनी, राजेन्द्र स्वेता अथवा राजेन्द्र सुगंधा भी किसान लगा सकते हैं. वहीं कृषि समन्वयक राजकुमार ने खरीफ प्याज की नर्सरी तैयार करने का किसानों से किया.
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