Darbhanga News: लोक नृत्य परंपरा को जीवंत रखना मानव सभ्यता के लिए नितांत आवश्यक
Darbhanga News:लोक नृत्य परंपरा को जीवंत रखना मानव सभ्यता के लिए नितांत आवश्यक है.
Darbhanga News: दरभंगा. लोक नृत्य परंपरा को जीवंत रखना मानव सभ्यता के लिए नितांत आवश्यक है. नृत्य में शारीरिक और मानसिक समन्वय होती है, जिससे ब्रम्हानंद की प्राप्ति होती है. सृष्टि फाउंडेशन के दरभंगा डांस फेस्टिवल को लेकर हुए वर्कशॉप का उद्घाटन करते हुए कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. लक्ष्मी निवास पांडेय ने यह बात कही. कुलपति ने कहा कि जीवनशैली में संगीत, योग व नृत्य को महत्वपूर्ण स्थान देना चाहिए. डॉ जयशंकर झा ने कहा कि ओडिशी केवल नृत्य विधा नहीं, अपितु भक्ति की सर्वोत्तम अभिव्यक्ति है. युवा कलाकारों को कला के प्रति समर्पित रहने को कहा. कार्यशाला में कथक, भरतनाट्यम, ओडिसी, लोक और आधुनिक सहित विभिन्न नृत्य शैलियों के विशेषज्ञ बच्चों को प्रशिक्षण देंगे. ओडिशा के उत्कल विश्वविद्यालय के नृत्य गुरु सचिकान्त प्रधान बच्चों को नृत्य की बारीकी सिखा रहे हैं.
संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर में मुक्ताकाश नृत्योत्सव 29 को
सृष्टि फाउंडेशन के संस्थापक जयप्रकाश पाठक ने कहा कि कार्यशाला के माध्यम से युवा कलाकारों को एक मंच दिया जा रहा है. वे अपनी प्रतिभा के बल पर नृत्य कला के क्षेत्र में भविष्य बना सकते हैं. बताया कि पूर्व में आयोजित कार्यशाला का परिणाम काफी प्रभावी रहा है. बताया कि कार्यशाला के पश्चात संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर में 29 मार्च को मुक्ताकाश नृत्योत्सव का आयोजन किया जायेगा. मौके पर डॉ सुमित कुमार मंडन, उज्ज्वल कुमार आदि मौजूद थे.
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