Darbhanga News: सच्चे मन से ईश्वर की आरधना करने से होती भगवान की प्राप्ति
Darbhanga News:धर्मपुर उजान में चल रहे भागवत कथा के दूसरे दिन कथावाचक नटवर नारायण ने राजा परीक्षित व सुखदेवजी के बीच हुए संवाद का वर्णन किया.
Darbhanga News: मनीगाछी. धर्मपुर उजान में चल रहे भागवत कथा के दूसरे दिन कथावाचक नटवर नारायण ने राजा परीक्षित व सुखदेवजी के बीच हुए संवाद का वर्णन किया. कहा कि भगवान का जूठे बेर खाने के बहाने शबरी से मिलना, केवट से नाव पर चढ़ने के बहाने मिलना, द्रौपदी के चीरहरण के दौरान वस्त्र के बहाने मिलना आदि कई उदाहरण हैं जो बताता है कि भगवान अपने भक्तों के लिए हर समय उपलब्ध रहते हैं. उन्होंंने भगवान शिव द्वारा माता पार्वती को अमरनाथ की गुफा में भागवत कथा सुनाने का वर्णन करते हुए भागवत कथा का महात्म्य बताया. प्रवचन करते हुए धुंधकारी के चरित्र का वर्णन करते हुए उसके क्रियाकलापों तथा उसके धर्म के प्रति आसक्ति के बाद पुण्य के भागी का फल प्राप्त करने का विस्तार से वर्णन करते हुए कहा कि इससे समझा जा सकता है कि भागवत कथा ध्यान से सुनने का फल किस प्रकार लोगों को प्राप्त होता है. कथावाचक ने भगवान से कुंती के पांच पुत्र का नाश नहीं होने और गंधारी के सौ पुत्र का सर्वनाश होने के गंधारी के भगवान से प्रश्न का वर्णन करते हुए कहा कि कुंती के सभी पांचों पुत्र धर्म, कर्म और नीति पर अडिग रहे, परिणामस्वरूप उनके पांचों पुत्रों का बाल-बांका नहीं हो सका और गंधारी के सभी पुत्र धर्म, कर्म और नीति से अलग रहे, जिसके कारण विनाश को प्राप्त हुए. उन्होंने श्रद्धालुओं से कहा कि जब भी फुर्सत मिले भागवत ध्यान में लीन हो जायें, जिससे ताकि मनुष्य जीवन सुफल हो सके. मौके पर मुख्य यजमान सहित आयोजन समिति के सदस्य विनोदानंद मिश्र, रौशन मंडल आदि प्रमुख थे.
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