डीएमसीएच के जूनियर डॉक्टर गये हड़ताल पर

परेशानी. पटना में मेडिकल छात्रों पर हुई लाठीचार्ज का विरोध दरभंगा : पटना में सोमवार को कॉउंसेलिंग के दौरान मेडिकल छात्रों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में डीएमसीएच के जूनियर डॉक्टरों ने बुधवार को कामकाज ठप कर दिया. इससे अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह थम गई है. हड़ताल के कारण ओपीडी में दूर-दूर से […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 25, 2017 5:22 AM

परेशानी. पटना में मेडिकल छात्रों पर हुई लाठीचार्ज का विरोध

दरभंगा : पटना में सोमवार को कॉउंसेलिंग के दौरान मेडिकल छात्रों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में डीएमसीएच के जूनियर डॉक्टरों ने बुधवार को कामकाज ठप कर दिया. इससे अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह थम गई है. हड़ताल के कारण ओपीडी में दूर-दूर से आए मरीज एवं परिजन परेशान हो गए. सुबह से ही घंटों लाइन में लगने के बावजूद बिना चिकित्सा कराए उनको घर वापस जाना पड़ा. सबसे ज्यादा असर ओपीडी में देखा गया. सुबह 11 बजे ही रजिस्ट्रेशन काउंटर को बंद करवा दिया गया. अनियंत्रित भीड़ के कारण मरीज एवं परिजन एक दूसरे से ही उलझ पड़े. वैसे मेडिसिन विभाग में सीनियर चिकित्सक सुबह से ही मरीजों को देख रहे थे. बावजूद मरीजों की लंबी कतार जस की तस बनी हुई थी.
निबंधन करा कर भटकते रहे मरीज व परिजन: हड़ताल के कारण निबंधन कराने के बाद भी मरीज भटकते रहे. बुधवार की सुबह 11 बजे तक 1372 मरीजों ने निबंधन कराया था. 11 बजे निबंधन काउंटर को भी जूनियर चिकित्सकों ने बंद करा दिया. मेडिसिन विभाग में 398, आर्थो में 144, एसओपीडी में 66, चेस्ट विभाग में पांच, एआरटी में तीन, इएनटी में 160, आंख विभाग में 100, स्किन विभाग में 258, पीएसएम विभाग में 27, डीओपीडी में 54, साइकोलॉजी विभाग में पांच तथा चाइल्ड विभाग में 152 मरीज रजिस्ट्रेशन काउंटर से पर्ची कटाकर इलाज के लिए भटकते रहे. हड़ताल की जानकारी मिलने के कारण आज मरीजों की संख्या भी काफी कम रही. सामान्य दिनों में यह आंकड़ा दोगुने से ज्यादा होती है. रजिस्ट्रेशन काउंटर 11 बजे बंद हो जाने के कारण ओपीडी विभाग का परिसर सुनसान हो गया.
गायब थे आर्थो के वरीय चिकित्सक
ओपीडी के ऑर्थो विभाग में वरीय चिकित्सक नहीं थे. इस कारण मरीज एवं परिजन बाहर खड़े होकर हंगामा मचा रहे थे. परिजनों ने बताया कि यहां आए दिन हड़ताल होने से काफी परेशानी होती है. हड़ताल की सूचना नहीं होने के कारण, आने पर परेशानी झेलनी पड़ रही है.
गायनिक विभाग में
नहीं हुआ ऑपरेशन
गायनिक विभाग में सुबह से जूनियर चिकित्सक नहीं थे. एक भी ऑपरेशन नहीं हो सका. महिलाएं ऑपरेशन के बाद टांका कटवाने के लिए भटक रही थी. ऑपरेशन के लिए बुलाई गई महिला मरीज मायूस होकर ऑपरेशन थियेटर के गेट पर ही बैठ गई थी. ओपीडी में वरीय चिकित्सको ने कुछ मरीजों को देखा. गर्मी में पसीने से तर मरीज एवं उनके परिजन इलाज की गुहार लगाते रहे, पर उनकी मदद को कोई सामने नहीं आया.
जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से मरीजों को कोई असुविधा नहीं हो, इसकी व्यवस्था की गयी है. वरीय चिकित्सक लगातार कार्य कर रहे हैं.
डॉ संतोष कुमार मिश्रा, अधीक्षक, डीएमसीएच

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