Darbhanga News: संस्कृत विश्वविद्यालय में चार दशक से शिक्षक एवं गैर शिक्षक कोटि के 15 सीनेट सदस्यों का चुनाव नहीं
Darbhanga News:मतदान प्रक्रिया से शिक्षक एवं गैर शिक्षक कोटि से चुने जाने वाले 15 सीनेट सदस्यों का चुनाव करीब चार दशक से नहीं हो रहा है.
Darbhanga News: प्रवीण कुमार चौधरी, दरभंगा. कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि में मतदान प्रक्रिया से शिक्षक एवं गैर शिक्षक कोटि से चुने जाने वाले 15 सीनेट सदस्यों का चुनाव करीब चार दशक से नहीं हो रहा है. नौ अप्रैल को प्रस्तावित सीनेट की बैठक पूर्व की तरह ही केवल बजट को लेकर होनी है. इसलिए इसमें भी निर्वाचन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकती. प्रावधान अनुसार निर्वाचन की प्रक्रिया सीनेट की सामान्य बैठक में करना होता है, जो विवि में वर्षों से नहीं हो पा रही है. सीनेट का चुनाव नहीं होने के कारण निर्वाचन कोटि से सिंडिकेट में शिक्षक के चार एवं गैर शिक्षक कोटि के चार यानी कुल आठ सदस्यों की भागीदारी नहीं हो रही है. साथ ही वित्त समिति, विद्वत परिषद, अंकेक्षण समिति जैसे अन्य निकाय में भी निर्वाचित सदस्यों की भागीदारी नहीं है. इसे लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ बताया जाता है.
सिंडिकेट में पदेन सदस्यों का बहुमत
सिंडिकेट के लिये सीनेट के शिक्षक सदस्यों द्वारा दो प्रोफेसर अथवा सह प्राध्यापक एवं दो सहायक प्राध्यापक तथा गैर शिक्षक कोटि के चार सदस्यों का निर्वाचन सीनेट द्वारा करने का प्रावधान है. ऐसा नहीं होने से सालों से केवल कुलाधिपति द्वारा एक व राज्य सरकार द्वारा पांच यानी कुल छह मनोनीत सदस्य ही भाग लेते आ रहे हैं. वहीं पदेन वीसी, प्रोवीसी, कुलानुशासक, डीएसडब्ल्यू तथा चक्रानुक्रम में कुलपति द्वारा नामित दो पीजी विभागाध्यक्ष व दो प्रधानाचार्य सिंडिकेट के लिये नामित होते आ रहे हैं, जिनकी संख्या आठ है. यानी पदेन सदस्यों की संख्या बहुमत में रहती है. इसका असर यह होता है, कि जिस मुद्दे को विवि प्रशासन कार्यान्वित करना चाहता है, वही पास होता है. नामित सदस्य ओहदेदार अथवा राजभवन व राज्य सरकार में विशेष पहुंच रखने वाले होते हैं, तो उनके दबाव में विवि प्रशासक के नहीं चाहने वाले मुद्दे भी पास तो हो जाते हैं, लेकिन उसका कार्यान्वयन नहीं हो पाता.हर तीन साल पर चार शिक्षक एवं चार गैर शिक्षक कोटि के सिंडिकेट सदस्यों का चुनाव जरूरी
प्रावधान के अनुसार प्रत्येक तीन वर्षों पर चार शिक्षक एवं चार गैर शिक्षक कोटि के सिंडिकेट सदस्यों का चुनाव होना है. ऐसा नहीं होने से शिक्षक एवं गैर शिक्षक की समस्या पर समुचित तरीके से विमर्श नहीं हो पाता.प्रक्रिया की जटिलता एवं जबावदेही से भाग रहा विवि प्रशासन
चुनाव प्रक्रिया की जटिलता एवं जबावदेही से विवि प्रशासन खुद को बचाता आ रहा है. सिंडिकेट के पदेन सहित नामित व मनोनीत सदस्य भी निर्वाचित कोटि के सदस्यों को प्रतिद्वंद्वी मानते हुए उनके निर्वाचन में दिलचस्पी नहीं लेते.
डीएसडब्ल्यू सह प्राधिकार प्रभारी डॉ शिवलोचन झा ने बताया कि शिक्षक एवं गैर शिक्षक कोटि से सीनेट सदस्यों के चुनाव को लेकर विवि गंभीर है. नौ अप्रैल को सीनेट की बैठक के बाद मतदाता सूची तैयार करने के लिए कालेजों से सूची मंगाने की प्रक्रिया अपनायी जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
