पत्नी के लिए खून की व्यवस्था नहीं कर सका, जन्म के साथ नवजात ने तोड़ा दम

दरभंगा :डीएमसीएच के गायनी विभाग में शुक्रवार की दोपहर चिकित्सकों के अमानवीय व्यवहार के कारण एक नवजात की जान चली गयी. सोनकी ओपी क्षेत्र के फतेपुर धोइघाट गांव निवासी लक्ष्मण यादव की पत्नी रंभा देवी का प्रसव के लिये आपरेशन होना था. डॉक्टरों ने ऑपरेशन से पूर्व मरीज को चढ़ाने के लिए परिजन से खून […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 24, 2019 2:39 AM

दरभंगा :डीएमसीएच के गायनी विभाग में शुक्रवार की दोपहर चिकित्सकों के अमानवीय व्यवहार के कारण एक नवजात की जान चली गयी.

सोनकी ओपी क्षेत्र के फतेपुर धोइघाट गांव निवासी लक्ष्मण यादव की पत्नी रंभा देवी का प्रसव के लिये आपरेशन होना था. डॉक्टरों ने ऑपरेशन से पूर्व मरीज को चढ़ाने के लिए परिजन से खून लाने को कहा.
गोद में बच्चे को लिये रिक्शा चालक पति लक्ष्मण यादव खून की व्यवस्था के लिए यहां से वहां भटकने लगा. उसकी मदद के लिए कोई सामने नहीं आ रहा था. इस क्रम में कई घंटे बीत गये. खून की व्यवस्था लक्ष्मण नहीं कर सका. लक्ष्मण के अनुसार जब उसने यह बात बतायी तो चिकित्सकों ने मरीज को ले जाने को कहा. लक्ष्मण डॉक्टर व अन्य लोगों की मिन्नत करता रहा, लेकिन किसी को उस पर दया नहीं आयी.
किसी ने इसकी सूचना अधीक्षक को देने की बात कही. पास में मोबाइल नहीं होने के कारण लक्ष्मण यह भी नहीं कर सका. स्थिति गंभीर देख वहां मौजूद किसी व्यक्ति ने अधीक्षक से बात करनी चाही, लेकिन उनका फोन नहीं लगा. कोई रास्ता नहीं देख लक्ष्मण दर्द से कराह रही पत्नी को लेकर चला गया. रास्ते में महिला को असहनीय दर्द होने लगा तो ऑटो घुमा कर वह पुन: गायनी विभाग पहुंचा.
अस्पताल में प्रवेश करने के क्रम में ओपीडी के बरामदे पर ही रंभा का प्रसव हो गया. उसने बेटा को जन्म दिया. वहां मौजूद लोगों ने दाइ को बुलाया. किसी तरह दाइ की मदद से बच्चे को मां से अलग किया गया. लक्ष्मण ने बताया कि मदद को बुलाने पर भी कोई बाहर देखने नहीं आया. उसी अवस्था में रम्भा को ओटी ले जाया गया. डॉक्टर जबतक उपचार करते नवजात की मौत हो चुकी थी. बच्चे की मौत से टूट चुका लक्ष्मण पत्नी के साथ अस्पताल में आवश्यक 24 घंटे का समय काट रहा है.

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