Cyber Crime Bihar: इ-मेल या डाक से पहले पोर्टल पर दर्ज करानी होगी शिकायत, रोज मिल रही 1500 से ज्यादा शिकायतें

साइबर पीड़ित को सबसे पहले टॉल फ्री नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज करानी चाहिए. इस पर दर्ज होने वाली शिकायत सीधे संबंधित ऑथोरिटी (संबंधित बैंक या पुलिस) को ट्रांसफर हो जाती है, जिससे त्वरित कार्रवाई संभव हो पाती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 11, 2023 12:20 AM

बिहार के नवगठित 44 साइबर थानों में इ-मेल या डाक से शिकायत भेजने से पहले साइबर पीड़ितों को नेशनल ऑनलाइन साइबर क्राइम पोर्टल या उसके 24 घंटे संचालित टॉल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज करानी होगी. इस पर दर्ज शिकायत की प्राप्ति रसीद को संलग्न कर साइबर थाने को अपना केस इ-मेल या डाक करने पर उनके मामलों में जल्द- से- जल्द कार्रवाई सुनिश्चित होगी.

जल्द शिकायत दर्ज होने पर रिकवरी की संभावना अधिक

आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) के एडीजी नैय्यर हसनैन खान ने बताया कि साइबर अपराध के मामलों में जल्द शिकायत दर्ज होने पर रिकवरी की संभावना अधिक होती है. इसलिए साइबर पीड़ित को सबसे पहले टॉल फ्री नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज करानी चाहिए. इस पर दर्ज होने वाली शिकायत सीधे संबंधित ऑथोरिटी (संबंधित बैंक या पुलिस) को ट्रांसफर हो जाती है, जिससे त्वरित कार्रवाई संभव हो पाती है. वित्तीय मामलों में बैंक संदिग्ध खाते में ट्रांसफर हुई राशि को होल्ड कर लेता है, जिसे रिवर्ट करना आसान होता है. इओयू ने बीते तीन महीने में सात करोड़ रुपये से अधिक राशि को होल्ड कर उसे बचाने में सफलता हासिल की है.

संगठित गिरोह कर रहे तकनीक में निपुण युवाओं की भर्ती

एडीजी ने बताया कि साइबर अपराध की शिकायत दर्ज कराने को लेकर बने कंट्रोल रूम (1930) पर हर दिन औसतन 1500 शिकायती कॉल आ रहे हैं. 100 फीसदी शिकायतों की सुनवाई हो रही है. इसके आलोक में 600 से ऊपर केस भी दर्ज हुए. उन्होंने बताया कि साइबर स्पेस पर संगठित आपराधिक गिरोहों की सक्रियता बढ़ने से चिंता बढ़ी है. ये गिरोह टेक्नोलॉजी में निपुण युवाओं को भर्ती कर उनका इस्तेमाल कर रहे हैं. वित्तीय मामलों में बैंक खातों से ठगी के साथ ही प्राइवेसी मैटर्स, आंकड़ों से छेड़खानी, फर्जी रजिस्ट्री कागजात तैयार करना जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं. नोडल एजेंसी के रूप में आर्थिक अपराध इकाई इन चुनौतियों से निबटने को लेकर तैयार है. इसी कड़ी में नये साइबर थाने खोले जाने के साथ ही पुलिसकर्मियों व इससे संबंधित स्टेक होल्डर्स को प्रशिक्षित करने पर भी काम चल रहा है.

Also Read: पटना के स्कूल में एडमिशन कराने के नाम पर 65000 रुपये की ठगी, आरोपी ने खुद को बताया था एडमिशन हेड का करीबी

Next Article

Exit mobile version