18 महीने के बाद खुला रास्ता, गंडक बराज के रास्ते नेपाल जाने के लिए चाहिए यह दस्तावेज

भारत नेपाल को जोड़ने वाले ऐतिहासिक गंडक बराज के रास्ते आवागमन कोरोना वायरस वैश्विक महामारी काल में 22 मार्च 2020 को दोनों देशों के द्वारा बंद कर दिया गया था. दोनों देशों के वरीय अधिकारियों के आदेश पर तीन अक्टूबर 2021 को आवागमन दोपहर से शुरू कर दिया गया.

By Prabhat Khabar Print Desk | October 3, 2021 8:01 PM

वाल्मीकिनगर. भारत नेपाल को जोड़ने वाले ऐतिहासिक गंडक बराज के रास्ते आवागमन कोरोना वायरस वैश्विक महामारी काल में 22 मार्च 2020 को दोनों देशों के द्वारा बंद कर दिया गया था. दोनों देशों के वरीय अधिकारियों के आदेश पर तीन अक्टूबर 2021 को आवागमन दोपहर से शुरू कर दिया गया.

गंडक बराज पर तैनात एसएसबी के इंस्पेक्टर कालिदास ने बताया कि वरीय अधिकारियों के आदेश पर फिलहाल पैदल आने-जाने की इजाजत गंडक बराज के रास्ते दी गयी है. दोपहिया और चार पहिया वाहनों के आने-जाने के लिए फिलहाल कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है. प्राप्त होते ही आगे की कार्रवाई की जायेगी.

कोविड सर्टिफिकेट वालों को नेपाल में जाने के लिए अनुमतिइंस्पेक्टर कालिदास ने बताया कि दोनों देशों के दिशा निर्देश के मुताबिक कोरोना प्रोटोकॉल के तहत कोरोना सर्टिफिकेट वालों को ही आने जाने की इजाजत दी जायेगी. जिनके पास कोरोना टीकाकरण का सर्टिफिकेट नहीं होगा, उन्हें जाने की इजाजत नहीं दी जायेगी.

अभी पैदल आने जाने की अनुमतिगंडक बराज के रास्ते अभी केवल पैदल आवागमन की इजाजत दी गई है फिलहाल दो पहिया और चार पहिया वाहन अगले आदेश तक नेपाल नहीं जा सकेंगे.व्यवसायियों में खुशी का माहौलगंडक बराज के रास्ते दोनों देश के नागरिकों का आवागमन शुरू होने से भारतीय क्षेत्र के और नेपाली क्षेत्र के व्यवसायियों में खुशी का माहौल देखा गया.

डेढ़ साल से मंदे पड़े व्यवसाय में चमक आने की उम्मीद अब व्यवसायियों को दिख रही है. कारण दोनों देश के नागरिक अब अपने निजी जरूरत के सामानों की खरीदारी के लिए एक दूसरे देश में आ जा सकेंगे. इससे व्यवसाय में वृद्धि होगी. ग्रामीणों ने बताया कि हमने आजादी का जश्न तो नहीं देखा था, किंतु गंडक बराज के रास्ते डेढ़ साल से बंद आवागमन आज चालू होने पर आजादी जैसी खुशी का आभास हो रहा है.

Posted by Ashish Jha

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