चंपारण के चावल में आयेगी फलों के राजा आम की खुशबू और स्वाद, बढ़ेगी इम्यूनिटी, जाने क्या है खास

चंपारण में पहली बार मुसहरवा में अबेमोहर धान की खेती हो रही है. इस धान की खासियत यह है कि इसके चावल से पकने वाले भात में आम की खुशबू आयेगी. जिले के प्रगतिशील किसानो में से एक कमलेश चौबे ने अबेमोहर धान की खेती की है. ये चावल रोग प्रतिरोधक क्षमता व भूख बढ़ाने में कारगर है.

By Prabhat Khabar Print Desk | August 23, 2022 6:56 AM

चंपारण की माटी से उपजी बासमती और मरचा धान की खुशबू ने भले ही देश के कोन कोने में अपनी मजबूत धमक बना ली हो, लेकिन अब देशवासी एक ऐसे भात का स्वाद चखेंगे, जिसमें फलों के राजा आम की खुशबू व स्वाद को दो गुणा कर देगी. जी हां सूबे में पहली बार अबेमोहर धान की खेती मुसहरवा गांव में की गयी है. इस धान की खासियत यह है कि इसके चावल से पकने वाले भात में आम की खुशबू आयेगी. जिले के प्रगतिशील किसानो में से एक कमलेश चौबे ने अबेमोहर धान की खेती की है. कमलेश का कहना है कि उन्होंने बासमती और मरचा धान के साथ साथ अबेमोहर धान की खेती इसलिये की है कि देश का कोना कोना जान सके कि सत्याग्रह की धरती से न केवल आजादी मिली. बल्कि वो स्वाद भी मिला जिसे देश और दुनिया के लोग बड़े चाव से खाते है.

देशभर के किसानों को उपलब्ध करायेंगे धान के बीज

नये-नये धान किस्मों की खेती करने वाले किसान कमलेश चौबे ने अब तक काला चावल, मैजिक चावल, लाल और हरा चावल, काली पती, काला गेहूं, ब्लू गेहूं, सोनमोती गेहूं जैसे कई तरह से धान एवं गेहूं की नई किस्मों की खेती कर रहे हैं. अबेमोहर धान की खेती करने के पीछे भात के शौकिन लोगों के लिए नया स्वाद देना और उनके शरीर को रोगमुक्त करना लक्ष्य बना लिया है. कमलेश ने बताया कि वे सभी किसानों को अबेमोहर धान का बीज देंगे.

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ, भूख बढ़ने में सहायक है अबेमोहर

लगभग 1 एकड़ में पहली बार इस धान की खेती गई हैं. आम की खुशबू वाला अबेमोहर धान 145 दिन में तैयार हो जाता है. यहीं नहीं अबेमोहर धान से बना चावल इम्यूनिटी बढ़ाने में जहां सहायक होता है, वही इसमें हाई कैलोरी और प्रोटीन के साथ ही विटामिन व मिनरल्स भी मौजूद हैं. इसमें नियासिन, विटामिन डी, कैल्शियम और आयरन की अधिक मात्रा होती हैं. इसमें पाये जाने वाले पोषण तत्व रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक हैं.

अबेमोहर धान बहुत बड़े बदलाव का संकेत

चंपारण के किसान आधुनिक खेती कर नये नये मुकाम हासिल कर रहे हैं. अबे मोहर धान की खेती उनमें से एक है. ये बहुत बड़े बदलाव का संकेत है. किसान बेहतर खेती करे कृषि वैज्ञानिकों की टीम लगातार मॉनीटरिंग कर रही है.

डाॅ आरपी सिंह वरीय कृषि वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र, नरकटियागंज

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