चंपारण के जंगल से भटकर मानव आबादी क्षेत्र में घुसा बाघ, काफी मशक्कत के बाद किया गया रेस्क्यू

बिहार में बाघ का मानव आबादी वाले एरिया में भागकर चले जाने की कइ घटनाएं सामने आती हैं. ऐसी ही एक घटना पूर्वी चंपारण जिला में पाया गया जहां एक बाघ घनी आबादी वाले क्षेत्र में भागकर घुस गया. बाघ के आने की खबर लोगों के बीच आग के तरह फैल गयी. वहीं वन विभाग की टीम इसे पकड़ने के लिए सक्रिय हुई. काफी जद्दोजहद के बाद बाघ को रेस्क्यू करके जंगल में पुनः छोड़ दिया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 19, 2021 1:25 PM

बिहार में बाघ का मानव आबादी वाले एरिया में भागकर चले जाने की कइ घटनाएं सामने आती हैं. ऐसी ही एक घटना पूर्वी चंपारण जिला में पाया गया जहां एक बाघ घनी आबादी वाले क्षेत्र में भागकर घुस गया. बाघ के आने की खबर लोगों के बीच आग के तरह फैल गयी. वहीं वन विभाग की टीम इसे पकड़ने के लिए सक्रिय हुई. काफी जद्दोजहद के बाद बाघ को रेस्क्यू करके जंगल में पुनः छोड़ दिया.

पूर्वी चंपारण जिला में वाल्मीकि नगर व्याघ्र परियोजना से भटकर यह बाघ बाहर निकल आया. वह मानव आबादी वाले क्षेत्र में घुस गया जिसके बाद लोग दशहत में रहने लगे. पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने इस बाघ का रेस्क्यु किया और वापस इसे जंगल में छोड़ा गया. इसे पकड़ने में विभाग की रेस्क्यू टीम के भी पसीने छूट गए.

संजय गांधी जैविक उद्यान की रेस्क्यू टीम डा. समरेंद्र बहादुर के नेतृत्व में इस बाघ को पकड़ने निकली. 15 जून को बाघ मोतिहारी के पास पकड़ी दयाल में दिखा.लेकिन अगले दिन 16 जून को बारिश के कारण बाघ ट्रेस नहीं हो सका था. 17 जून को बेला में इसका रेस्क्यू हुआ. राज्य के मुख्य वन्य प्राणी प्रतिपालक पीके गुप्ता की मौजूदगी में बाघ को पूर्वी चंपारण जिला के ढक्का के पास बेला में एक पुलिया के नीचे झाड़ी से रेस्क्यू किया गया.

Also Read: Bihar Flood Effect: गोद में दूल्हा तो नाव पर विदा हुई दूल्हन, बिहार के गांवों में विवाह के लिए आफत बनी बाढ़

बाघ को रेस्क्यू के बाद वाल्मीकि नगर व्याघ्र परियोजना के हरनाटांड नौरंगिया में छोड़ दिया गया. बताया जा रहा है कि इसके पहले भी बाघ और तेंदुआ को रेस्क्यू करके सफलतापूवर्क जंगल में छोड़ दिया गया था. ऐसी घटनाएं अक्सर सामने आती रही हैं.

Posted By: Thakur Shaktilochan

Next Article

Exit mobile version