Buxar News : शहर में नाला निर्माण के दौरान दो मंजिला मकान ध्वस्त, गरीब परिवार सड़क पर
नगर परिषद के वार्ड नंबर 38 के अहिरौली में लंबे समय से निर्माणाधीन बड़े नाले के काम के दौरान एक दो मंजिला मकान ध्वस्त हो गया है.
10 फुट नीचे तक नाला निर्माण को लेकर की जा रही है खुदाई
बक्सर. नगर परिषद के वार्ड नंबर 38 के अहिरौली में लंबे समय से निर्माणाधीन बड़े नाले के काम के दौरान एक दो मंजिला मकान ध्वस्त हो गया है. वहीं, उसके पास के मकान में दरार फट गयी है, जिससे आसपास के गरीब मजदूर परिवार डरे और सहमे हुए हैं. ध्वस्त मकान के स्वामी पूरी तरह सड़क पर आ गए हैं, और उनके युवा सदस्य अपने सामान के साथ अन्यत्र आशियाना खोजने पर मजबूर हैं. घर विहीन बहुएं फिलहाल ठंड से बचने के लिए रिश्तेदारों के घर शरण लेने को मजबूर हुई हैं. सूत्रों के अनुसार, नगर परिषद द्वारा जिस नाले का निर्माण कराया जा रहा है, उसकी टेंडर प्रक्रिया नहीं की गयी है. नाले का निर्माण भ्रष्टाचार का स्पष्ट उदाहरण बन गया है. विभाग ने न केवल एस्टीमेट तैयार नहीं किया, बल्कि किसी भी वर्क ऑर्डर को भी जारी नहीं किया गया है. करोड़ों रुपये की लागत से बनने वाले इस नाले को कई छोटे-छोटे योजनाओं में बांटा गया है और निर्माण कार्य बिना किसी औपचारिक प्रक्रिया के चल रहा है. निर्माण कार्य गंगा नदी के बाढ़ के पानी से सुरक्षा हेतु बांध से कराया जा रहा है, लेकिन न तो प्राक्कलन बोर्ड लगाया गया है और न ही कोई सूचना प्रदर्शित है. कार्यपालक पदाधिकारी तक इस काम के बारे में जानकारी नहीं है. निर्माण के साथ-साथ वर्क ऑर्डर और भुगतान की प्रक्रिया बाद में पूरी की जा रही है. स्थानीय लोगों और विभागीय सूत्रों का कहना है कि इस नाले के निर्माण में नगर परिषद की विकास राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है. बिना किसी उचित योजना, टेंडर और औपचारिक प्रक्रिया के किए जा रहे इस निर्माण ने न केवल गरीब परिवारों को घर से बेघर किया है, बल्कि विकास प्रक्रिया में पारदर्शिता पर भी प्रश्न खड़ा कर दिया है. बताया जाता है कि इस कार्य के निर्माण में करोड़ खर्च हो चुके हैं, जो अब विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रहा है. जब निर्माण कार्य के बारे में जानकारी ली गयी तो उन्होंने इसे टाल दिया. इस संबंध में कार्यपालक पदाधिकारी मनीष कुमार ने बताया कि संबंधित गृहस्वामी से बात हो चुकी है. आवश्यक कार्य होंगे. वहीं निर्माण के सवाल को टालते हुए कहा कि कार्यालय में आने पर पता चल पायेगा. वे अभी कार्यालय से बाहर हैं.15 लाख से अधिक की योजना का होता है टेंडर
जिस नाले का निर्माण कराया जा रहा है उसके निर्माण में काफी अनियमितता विभाग से बरती जा रही है. सूत्रों की मानें तो विवाद होने के बाद इस कार्य का विशेष तौर पर आनन- फानन में वर्क ऑर्डर तैयार हो सकता है. ज्ञात हो नगर परिषद अपने 15 लाख रूपये के राशि से अधिक राशि वाले कामों को टेंडर की प्रक्रिया पूरा कर कराता है. जबकि यह नाला बांध से गांव तक पहुंचने में कई 15 लाख का उपयोग किया जा चुका है. इसके बाद भी इस कार्य को टेंडर की प्रक्रिया में नहीं लिया गया है. इस कार्य को विभागीय स्तर पर ही कराया जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
