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Buxar News: जमीन सर्वेक्षण को लेकर रैयत उदासीन, स्वघोषणा जमा करने की रफ्तार धीमी

भूमि सर्वेक्षण को लेकर उद्धघोषणा छह माह पूर्व ही जारी कर दी गयी थी, लेकिन रैयतों के आवश्यक कागजात उपलब्ध नहीं होने के कारण स्वघोषणा जमा करने की रफ्तार काफी धीमी है

By RAVIRANJAN KUMAR SINGH | April 18, 2025 9:29 PM
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सिमरी

. भूमि सर्वेक्षण को लेकर उद्धघोषणा छह माह पूर्व ही जारी कर दी गयी थी, लेकिन रैयतों के आवश्यक कागजात उपलब्ध नहीं होने के कारण स्वघोषणा जमा करने की रफ्तार काफी धीमी है. स्वघोषणा जमा करने का अंतिम तिथि समाप्त होने की वजह से सर्वेक्षण को लेकर प्रखंड मुख्यालय स्थित पंचायत सरकार भवन में कैम्प शिविर कार्यालय में रैयतों की भीड़ अचानक बढ गई है. सरकार द्वारा भूमि विवाद कम करने को लेकर जमीन का सर्वेक्षण कराया जा रहा है. शुरुआती दौर में स्वघोषणा जमा करने की गति काफी धीमी थी लेकिन अब प्रपत्र जमा करने की रफ्तार तेज हुई है. हालांकि रैयतों को आवश्यक कागजात जुटाने में पसीना छूट रहे हैं. सभी मौजा के लिए विभाग द्वारा अलग अलग अमीन की तैनाती की गयी है. बता दें कि 31 मार्च तक प्रपत्र 2 ऑफलाइन व ऑनलाइन जमा करने की अंतिम तिथि तय थी लेकिन रैयतों की सुविधा के मद्देनजर प्रपत्र जमा करने की तिथि आगे बढा दी गई है,रैयतों की सुविधा के लिए पोर्टल अभी खुले है. हालांकि प्रपत्र जमा करने की अंतिम तिथि या पोर्टल कब तक रैयतों के लिए खुले रहेगें .इसको लेकर असमंजस बरकरार है,क्योंकि आधिकारिक पत्र अभी तक विभाग द्वारा जारी नहीं किए गये हैं. कितने खेसरा का ऑफलाइन जमा है प्रपत्र:- प्रखंड क्षेत्र में कुल रैयती जमाबंदी खेसरा 98352 है. जिसमें अब तक लगभग 38293 खेसरा का ही रैयतों द्वारा स्वघोषणा ऑफलाइन जमा किया गया है. शत-प्रतिशत खेसरा, खाता का स्वघोषणा रैयतों से जमा कराना विभाग के लिए चुनौती बनी हुई है.रैयतों का कहना माने तो रैयतों के पास आवश्यक कागज़ात की कमी व परिवार में जमीन की आपसी बंटवारा सहित अन्य तकनीकी समस्याओं की वजह से स्वघोषणा जमा करने की रफ्तार धीमी होने का मुख्य वजह है.हालांकि रैयतों द्वारा प्रत्येक दिन कैम्प शिविर कार्यालय में स्वघोषणा जमा किया जा रहा है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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