buxar news : हवा में जहर घोल रहे कचरे से निकल रहे धुएं, लोगों को सता रहा सेहत पर खतरा
buxar news : शहर में सड़कों के किनारे डंप किये जा रहे कचरे में लगायी जा रही आग
buxar news : बक्सर. बक्सर की वायु गुणवत्ता अस्वस्थ श्रेणी में है़ गुरुवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 168-178 के बीच रहा. यह स्तर संवेदनशील व्यक्तियों के लिए काफी हानिकारक हो सकता है.
ऐसे में वैसे व्यक्तियों को बाहर लंबे समय तक या भारी परिश्रम करने से बचना चाहिए. शहर की हवा कई दिनों से हानिकारक बनी हुई है. प्रदूषित वायु से शहरवासियों का दम घुट रहा है. सदर अस्पताल और गोलंबर की तरफ से गुजरने पर लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है. कारण शहर में जगह-जगह सड़कों किनारे फेंके गये कचरे में आग लगा दिये जाने की वजह से लोगों को सांस लेने में दिक्कत महसूस हो रही है.गुरुवार को तीसरे दिन भी सुबह बक्सर में हवा की गुणवत्ता हानिकारक रही. सुबह नौ बजे बक्सर की वायु गुणवत्ता सूचकांक 178 रहा. बक्सर शहर की आबोहवा कई दिनों से खराब होने की वजह से हर किसी को शहर में मास्क लगाकर निकलना ही बेहतर है. प्रसिद्ध फिजिशियन डॉ अनिल कुमार सिंह ने कहा कि जब तक हवा की वायु गुणवत्ता में कुछ सुधार नहीं हो जाता है, तब तक लोगों को लंबे या भारी परिश्रम को कम करना चाहिए. जिन लोगों को दिल या फेफड़ों की बीमारी है, वैसे लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है.
वहीं, अस्थमा से पीड़ित लोगों को अपनी अस्थमा की कार्ययोजना का पालन करना चाहिए और त्वरित राहत दवा को संभाल कर रखना चाहिए. आप अपने वायु प्रदूषण के जोखिम को कम करने के लिए एयर प्यूरीफायर का उपयोग करके और बाहरी गतिविधियों को कम करने के लिए फेस मास्क पहन सकते हैं. वायु प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य के प्रतिकूल प्रभाव का अनुभव करने के उच्च जोखिम में होने की संभावना है. वहीं, जाने माने वकील कौशलेंद्र ओझा ने कहा कि शहरीकरण के कारण भी वायु प्रदूषित हो रहा है. आये दिन शहर में बहुमंजिला इमारतें नियमों की अनदेखी कर बनाये जा रहे हैं, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है. यह हमारे स्वास्थ्य और भविष्य के लिए एक बड़ी चुनौती का कारण है. उन्होंने कहा कि लंबे समय तक वायु प्रदूषण में सांस लेने से कई बीमारियों के जन्म लेने का खतरा बना रहता है. इसलिये इसके रोकथाम के लिए उपाय करने की आवश्यकता है.बिना फिटनेस के दौड़ रहे वाहन भी उगल रहे जहर
शहरवासियों का कहना है कि शहर में सड़कों किनारे गिराए गए कचरों में आग लगा दिया जाता है. जिस कारण हवा जहरीली हो जाती है. वहीं शहर में बगैर फिटनेस के दौड़ रहे वाहनों से निकल रहे धुएं के कारण, निर्माण कार्यों में मानकों की अनदेखी के साथ अवैध तरीके से मिट्टी खनन के कारण भी वायु प्रदूषित होती जा रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
