buxar news : अतिक्रमण हटाने के दूसरे दिन ही सजीं दुकानें

buxar news : नगर में अतिक्रमण हटाने में भेदभाव बरतने का आरोप, लोगों में आक्रोश

By SHAILESH KUMAR | December 2, 2025 10:30 PM

buxar news : डुमरांव. सोमवार को ‎डुमरांव नगर परिषद क्षेत्र के मेन रोड गोला बाजार, राजगढ़ चौक होते हुए छठिया पोखरा तक अतिक्रमण हटाया गया.

हालांकि इस दौरान स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाये. नगर परिषद की कार्रवाई तब सोचने पर मजबूर कर दिया, जब छठिया पोखरा निवासी उमेश कुमार गुप्ता द्वारा की गयी शिकायत पर न तो किसी तरह की जांच की गयी और न ही नगर परिषद के प्रधान सहायक दुर्गेश सिंह के घर के बाहर बने चबूतरे को तोड़ा गया. स्थानीय लोगों ने यह भी आरोप लगाया है कि इसी जगह मंगलवार को प्रधान सहायक के घर में मौजूद किरायेदार दुकानदारों द्वारा फिर से चौकी लगाकर अवैध कब्जा शुरू कर दिया गया, जिससे लोगों में काफी आक्रोश है. यह पूरा मामला अतिक्रमण हटाने से जुड़ा है. स्थानीय उमेश कुमार गुप्ता के मुताबिक सोमवार की शाम नगर परिषद की अतिक्रमण हटाओ अभियान टीम उनके घर के सामने पहुंची तथा प्रवेश द्वार के सामने बने चबूतरे को अतिक्रमण बताते हुए तत्काल तोड़ दिया गया. इससे उनके घर में जाने का मुख्य रास्ता पूरी तरह बाधित हो गया.

अभी तक नहीं हुई कार्रवाई

‎‎पीड़िता ने आरोप लगाते हुए कहा कि कार्रवाई पूरी तरह मनमाने रूप से की गयी, क्योंकि ठीक बगल में नगर परिषद के ही प्रधान सहायक दुर्गेश सिंह के घर में चारपहिया वाहन तक ले जाने के लिए नाली पर बना बड़ा चबूतरा उसी तरह सेम जगह पर छोड़ दिया गया है, जिसे अतिक्रमण के दायरे में नहीं लिया गया है. यह कार्रवाई नगर परिषद कर्मियों की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिये हैं. पीड़िता ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब उन्होंने इस तरह की भेदभाव का कारण पूछा गया तथा अधिकारियों से समान रूप में कार्रवाई की मांग की, तो नगर परिषद की टीम भड़क गये. उमेश गुप्ता का आरोप यह है कि नगर परिषद के पांच नामजद कर्मियों ने उनके साथ मारपीट करने के साथ ही उन्हें धमकाया भी गया. उनके द्वारा इस संबंध में डुमरांव थाने में लिखित शिकायत भी दर्ज करायी गयी है, जिसमें नगर परिषद के प्रधान सहायक सहित पांच लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है. पीड़िता के अनुसार, नगर परिषद के बड़े बाबू का पहुंच इतना है कि शिकायत करने के बाद भी न तो पुलिस की तरफ से किसी तरह की कार्रवाई की गई और न ही नगर परिषद प्रशासन ने इस पर अभी तक कोई संज्ञान लिया.

‎‎बिना भेदभाव के तोड़ा जाये अतिक्रमण

‎स्थानीय लोगों ने भी यह बताया कि जिस स्थान को लेकर विवाद है, वहां मंगलवार की सुबह से ही दुकानदारों के द्वारा फिर से उसी जगह पर चौकी रखकर दुकानें लगा दी गई हैं. इस कार्रवाई से साफ झलक रहा है कि नगर परिषद की कार्रवाई सिर्फ औपचारिकता बनकर रह गई है तथा प्रभावशाली लोगों को एकदम खुली छूट मिली है. स्थानीय लोगों का कहना है कि जब नगर परिषद के कर्मचारी खुद ही निष्पक्ष तरीके से नियम का पालन नहीं करेंगे, तो फिर आम लोगों पर कार्रवाई करने का क्या मतलब रह जाता है. मामले के सामने आने के बाद पूरे शहर की निगाहें नगर परिषद के वरीय अधिकारियों और पुलिस प्रशासन पर टिकी हैं. लोग उम्मीद कर रहे हैं कि मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी. नगरवासियों का कहना है कि अतिक्रमण हटाने का मुख्य उद्देश्य तभी सफल होगा जब कार्रवाई बिना किसी भेदभाव तथा प्रशासनिक दबाव में न की जाये.

अनुमंडल लोक शिकायत में दर्ज करायेंगे परिवाद

‎‎पीड़िता उमेश कुमार गुप्ता ने कहा कि यदि इसी तरह से प्रभावशाली लोगों को संरक्षण मिलता रहा, तो नगर परिषद की विश्वसनीयता के शाख पर भी बाट लगेगा. पीड़िता ने स्पष्ट रूप से कहा कि ऐसे दोषी कर्मचारियों पर जबतक कार्रवाई नहीं होती है, वह न्याय के लिए हर समय संघर्ष जारी रखेंगे. उन्होंने कहा कि अगर थाने से न्याय नहीं मिलता है तो वो अनुमंडल लोक शिकायत निवारण कार्यालय में शिकायत दर्ज करायेंगे. उनका कहना है कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई का वे विरोध नहीं करते, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा की गयी पक्षपातपूर्ण कार्रवाई किसी भी तरह से ठीक नहीं है. अब देखना यह है कि नगर परिषद तथा पुलिस प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाते हैं. क्या प्रभावशाली लोगों पर भी वैसी ही कार्रवाई होती है जैसी आम जनता पर की जाती है या भेदभाव किया जायेगा. अब आगे देखना यह है कि नगर प्रशासन द्वारा इस मामले पर क्या ठोस कदम उठाया जा रहा है.

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