buxar news : राजस्व महाभियान में प्राप्त आवेदनों का महज 14 फीसदी हुआ अपलोड
buxar news : उत्तराधिकारी व बंटवारा नामांतरण के महज छह फीसदी आवेदन हुए अपलोड
बक्सर. भूमि राजस्व विभाग द्वारा जिले में भूमि संबंधित दस्तावेजों, विशेषकर जमाबंदी पंजी में सुधार को लेकर जिले के 1143 मौजों में शिविर का आयोजन किया गया था, जो 16 अगस्त से 20 सितंबर तक चला था.
शिविर के दौरान सुधार संबंधित कुल 101434 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिसमें उत्तराधिकारी नामांतरण, जमाबंदी ऑनलाइन, जमाबंदी सुधार, बंटवारा आधारित नामांतरण के आवेदन प्राप्त हुए थे. लेकिन, बीते दो माह बाद उत्तराधिकारी नामांतरण, बंटवारा नामांतरण के महज छह प्रतिशत आवेदन ही अपलोड किये गये. वहीं किसी-किसी प्रखंड से एक आवेदन भी अपलोड नहीं किया गया है. जो लोग शिविर में आवेदन उत्तराधिकारी नामांतरण, बंटवारा नामांतरण के आवेदन दिये थे, उनके उम्मीद पर पानी फिर रहा है. वहीं, विभागीय जानकारी के अनुसार जो अपलोड करने का लक्ष्य दिया गया था, उसके अनुसार आवेदन अपलोड नहीं हो पा रहा है. अभियान के दौरान प्रखंडों से प्राप्त आवेदनों को विभागीय पोर्टल पर अपलोड करने की जिस गति और गंभीरता की अपेक्षा थी, वह पूरी नहीं हो सकी. स्थिति यह है कि शिविर के समापन के दो माह बाद भी उत्तराधिकारी नामांतरण तथा बंटवारा आधारित नामांतरण के आवेदन को विभाग की वेबसाइट पर ना के बराबर अपलोड किया गया है. इससे हजारों ग्रामीण आवेदकों की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है. जिले में भूमि संबंधित अभिलेखों के सुधार और डिजिटल अद्यतन को लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा चलाया गया विशेष राजस्व महाभियान अब सवालों के घेरे में दिखायी दे रहा है.1143 मौजों में लगा था शिविर, आये थे एक लाख 14 हजार 34 आवेदन
भूमि विवादों के निराकरण, जमाबंदी सुधार और ऑनलाइन अद्यतन को लेकर जिले के सभी 1143 मौजों में 16 अगस्त से 20 सितंबर तक विशेष शिविर का आयोजन किया गया था. इस महाभियान शिविर में विभिन्न प्रकार के कुल 1,01,434 आवेदन आये थे. इनमें उत्तराधिकारी नामांतरण, जमाबंदी ऑनलाइन अद्यतन, जमाबंदी सुधार, बंटवारा आधारित नामांतरण जैसी महत्वपूर्ण श्रेणियों से जुड़े आवेदन शामिल थे. आम लोगों की सहभागिता बड़ी रही और ग्रामीणों ने रिकॉर्ड संख्या में आवेदन जमा किये. उम्मीद थी कि विभाग तेजी से इन आवेदनों का डिजिटल अपलोड कर निराकरण प्रक्रिया को आगे बढ़ायेगा, लेकिन वास्तविक प्रगति अपेक्षा से बहुत कम रही.सिर्फ 14 प्रतिशत आवेदन हुए अपलोड, प्रमुख श्रेणियों का आंकड़ा ””शून्य””
विभागीय सूत्रों के अनुसार लगभग दो महीने बाद भी कुल प्राप्त आवेदनों में से केवल 14 प्रतिशत आवेदन ही पोर्टल पर अपलोड किये जा सके हैं. सबसे चिंता की बात यह है कि उत्तराधिकारी नामांतरण का शून्य के बराबर आवेदन अपलोड हुआ है. बंटवारा आधारित नामांतरण के छह आवेदन अपलोड हुए हैं. प्रत्येक प्रखंड में बड़ी संख्या में लोगों ने इन श्रेणियों के लिए फॉर्म जमा किये थे, परंतु वेबसाइट पर इनके अद्यतन के अभाव में वे अगली प्रक्रिया जैसे अनुश्रवण, दावा-आपत्ति, सत्यापन आदि तक पहुंच ही नहीं पा रहे. ग्रामीणों को उम्मीद थी कि शिविर के बाद उनके पुराने लंबित मामलों में तेजी आयेगी, लेकिन वर्तमान स्थिति उनके लिए निराशाजनक है. कई आवेदक अंचल कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं, पर स्पष्ट जानकारी कहीं से नहीं मिल रही.
आवेदनों की अपलोडिंग की प्रतिदिन हो रही समीक्षा
अपर समाहर्ता अरुण कुमार ने कहा कि आवेदनों की अपलोडिंग की प्रतिदिन समीक्षा की जा रही है. साथ ही अंचल अधिकारी को निर्देश दिया गया है कि जल्द से जल्द आवेदनों को अपलोड करके निष्पादन की प्रकिया शुरू करें.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
