बड़ा घोटाला! बिहार के विवि को पता ही नहीं कहां खर्च हो गए 800 करोड़, उच्च शिक्षा निदेशालय ने कहा ये…

बिहार के सभी पारंपरिक विश्वविद्यालयों के पास 700- 800 करोड़ रुपये के खर्च का हिसाब नहीं है. दरअसल, यह पैसा उन्होंने कहां खर्च किया है, इस बारे में उनके पास कोई उत्तर नहीं है.

By Prabhat Khabar Print Desk | January 14, 2023 12:05 AM

बिहार के सभी पारंपरिक विश्वविद्यालयों के पास 700- 800 करोड़ रुपये के खर्च का हिसाब नहीं है. दरअसल यह पैसा उन्होंने कहां खर्च किया है, इस बारे में उनके पास कोई उत्तर नहीं है. इस पर शिक्षा विभाग ने सख्त एतराज जताया है. उच्च शिक्षा निदेशक ने इस मामले में सभी विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि बतौर उपस्थित कुल सचिव और वित्त अफसरों को सख्त चेतावनी दी.

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बैठक की अध्यक्षता उच्च शिक्षा निदेशक प्रो रेखा कुमारी ने की. इस दौरान उपनिदेशक दीपक कुमार सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहे. विश्वविद्यालयों की तरफ से उपयोगिता प्रमाणपत्र देने के बारे में लंबी टाइम लाइन की मांग की जा रही थी, जिसे खारिज कर दिया गया. अंत में विमर्श के बाद अफसरों ने 31 जनवरी तक की टाइम लाइन तय की. साफतौर पर कह दिया कि अगर इस अवधि में उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं जमा किये, तो सख्त कार्यवाही की जायेगी. दूसरी तरफ , विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों को इस वजह से नाराजगी झेलनी पड़ी कि उनके पास मौजूद करोड़ों की राशि किस मद की है. दरअसल उनके पास विभाग की तरफ से दिये गये स्वीकृत्यादेश नहीं थे. अब उनके विभाग राशि स्वीकृत आदेश एक फिर से मुहैया करायेगा.

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इसके अलावा इस मीटिंग में तमाम वित्तीय अनुदान, सेलरी और पेंशन के बारे में उच्चस्तरीय विमर्श हुआ. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक विश्वविद्यालयों पर वर्ष 2002-03 से 2018-19 तक के उपयोगिता प्रमाणपत्र लंबित हैं. इस मामले की निगरानी हाइ कोर्ट कर रहा है. लिहाजा अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने उच्च शिक्षा निदेशालय को निर्देश दिये हैं कि वह विश्वविद्यालयों से उपयोगिता प्रमाण पत्र हासिल करें.

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