बिहार पुलिस के हाथ आया अचूक ‘चक्र’, एक क्लिक पर मिलेगी अपराधियों की सभी जानकारी

बिहार पुलिस ने एक मोबाइल एप डेवलप किया है, जिसपर अपराधियों की सारी जानकारी उपलब्‍ध रहेगी. सिर्फ एक क्लिक पर संबंधित अपराधियों का पूरा रिकॉर्ड सामने आ जायेगा.

By Prabhat Khabar Print Desk | December 29, 2021 3:02 PM

पटना. बिहार पुलिस के हाथों में अब एक अचूक चक्र आ गया है. इस चक्र की मदद से बिहार पुलिस न केवल अपराधियों की पहचान कर पायेगी, बल्कि उसका सारा कच्चा-चिट्ठा पता कर सकती है. दरअसल बिहार पुलिस ने एक मोबाइल एप डेवलप किया है, जिसपर अपराधियों की सारी जानकारी उपलब्‍ध रहेगी. सिर्फ एक क्लिक पर संबंधित अपराधियों का पूरा रिकॉर्ड सामने आ जायेगा.

इस एप को ‘चक्र’ का नाम दिया गया है. अपराधियों का ट्रैक रिकॉर्ड रियल टाइम में उपलब्‍ध होने से पुलिस को काफी मदद मिलने की उम्‍मीद है. इससे आपराधिक घटनाओं पर रोक लगाने में भी मदद मिलेगी. साथ ही जमानत पर जेल से बाहर आने वाले अपराधियों की गतिविधियों पर भी नजर रखी जा सकेगी.

चक्र एप की मदद से बिहार पुलिस को अब अपराधियों का इतिहास-भूगोल जानने के लिए ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. मोबाइल पर महज एक क्लिक करते ही अब कहीं से भी किसी भी अपराधी से जुड़ी पूरी जानकारी पुलिस हासिल कर सकती है. चक्र एप पर बिहार के लगभग सारे दुर्दांत अपराधियों से लेकर छोटे अपराधियों का कच्चा-चिट्ठा अपलोड किया गया है. अपराधियों का नाम चक्र एप में डालते ही मोबाइल स्क्रीन पर संबंधित अपराधी का फोटो सहित पूरा ब्‍योरा उपलब्ध हो जाएगा.

डेढ़ करोड़ की लागत

बताया जाता है कि चक्र एप को डेवलप करने पर कुल 1.50 करोड़ रुपये की लागत आयी है. इसके अलावा लगभग 40 लाख रुपए की लागत से पुलिस मुख्यालय में इसका सर्वर लगाया गया है. राज्य पुलिस ने अपराध पर नियंत्रण और अपराधियों का सुराग तलाशने के लिए इस खास एप को लॉन्च किया है. राज्य के करीब दो हजार पुलिस पदाधिकारी मोबाइल फोन के जरिए इस एप से जुड़ भी चुके हैं. इसमें खासतौर पर थानेदार और जिलों के एसपी को शामिल किया गया है. इस एप पर लंबे समय से काम चल रहा था और बिहार पुलिस मुख्यालय ने अब इसे हरी झंडी दी है.

10 साल के अपराधियों का ब्‍योरा

खास बात यह है कि इस एप पर पिछले 1 वर्षों में अपराध करने वालों को डेटा फीड किया गया है. इनकी संख्या करीब साढ़े चार से पांच लाख है. कहा जा रहा है कि अभी इस एप में कुल 10 साल के अपराध का रिकार्ड अपलोड होना है. पूरा रिकार्ड अपलोड हो जाने के बाद किसी भी थाने में बैठकर बिहार के किसी इलाके के अपराधियों के बारे में सही और हालिया जानकारी उपलब्ध हो जायेगी.

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