Bihar News: बिहार में देशभर के उद्योगपतियों का लगेगा जमावड़ा, निवेश बढ़ाने के लिए कंसलटेंट मीट की जोरदार तैयारी
Bihar News: अब बिहार सिर्फ श्रमिकों का राज्य नहीं, बल्कि निवेशकों की पहली पसंद बनने की तैयारी में है. सरकार का दावा है कि मजबूत नीतियां, तैयार इन्फ्रास्ट्रक्चर और आकर्षक प्रोत्साहन बिहार को नया औद्योगिक केंद्र बना सकते हैं.
Bihar News: बिहार में उद्योग और निवेश को लेकर सरकार ने साफ संदेश दिया है. राज्य अब बड़े पैमाने पर निवेश के लिए पूरी तरह तैयार है. उद्योग मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने शनिवार को विभागीय अधिकारियों और निवेश प्रोत्साहन टीम के साथ बैठक कर कहा कि सरकार का मुख्य लक्ष्य युवाओं के लिए रोजगार सृजन करना और पलायन पर रोक लगाना है. बैठक में बिहार में निवेश के मौजूदा अवसरों और भविष्य की औद्योगिक रणनीतियों पर विस्तार से चर्चा की गई.
उद्योग विभाग अब इंवेस्टर मीट की तर्ज पर कंसलटेंट मीट कराने की तैयारी कर रहा.अगले वर्ष 15 जनवरी के बाद पटना में कंसलटेंट मीट का आयोजन होगा. इस मीट में वैसे कंसलटेंट शामिल होंगे, जो देशभर के बड़े उद्यमियों के लिए निवेश प्रस्ताव को तैयार करते हैं. उद्योग मंत्री दिलीप जायसवाल ने शनिवार को इस आशय की जानकारी दी.
निवेश बढ़ाने का रोडमैप
बैठक के दौरान उद्योग निदेशक मुकुल कुमार गुप्ता ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से राज्य में निवेश की संभावनाओं को सामने रखा. इसमें बताया गया कि बिहार सरकार किस तरह उद्योगों को आकर्षित करने के लिए मजबूत नीतिगत समर्थन, आधुनिक आधारभूत संरचना, भूमि की उपलब्धता और वित्तीय प्रोत्साहन दे रही है.
प्रेजेंटेशन में यह भी रेखांकित किया गया कि स्टार्टअप्स से लेकर बड़ी औद्योगिक इकाइयों तक के लिए बिहार में अनुकूल और सुरक्षित निवेश माहौल तैयार किया गया है.
क्यों बदला बिहार का औद्योगिक परिदृश्य?
उद्योग मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने कहा कि सरकार अब केवल योजनाएं बनाने तक सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि जमीन पर उद्योगों की स्थापना सुनिश्चित करना चाहती है. उन्होंने स्पष्ट किया कि बिहार में औद्योगिक नीति को सरल और निवेशक-अनुकूल बनाया गया है, ताकि उद्योगों को तेजी से अनुमति और सुविधाएं मिल सकें.
बैठक में तय किया गया कि आने वाले समय में कुछ प्रमुख क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी. इनमें कृषि आधारित उद्योग और खाद्य प्रसंस्करण, विनिर्माण और लॉजिस्टिक्स, हरित ऊर्जा (ग्रीन एनर्जी), आधुनिक तकनीक और स्टार्टअप्स शामिल हैं. सरकार का मानना है कि इन क्षेत्रों में निवेश से स्थानीय स्तर पर रोजगार के बड़े अवसर पैदा होंगे.
रोजगार बनाम पलायन सरकार की सबसे बड़ी चुनौती
डॉ. जायसवाल ने कहा कि यदि राज्य में ही पर्याप्त रोजगार के अवसर सृजित होंगे तो युवाओं को दूसरे राज्यों में जाने की मजबूरी नहीं रहेगी. उद्योगों के विस्तार को इसी लक्ष्य से जोड़ा गया है. सरकार का दावा है कि निवेशकों को नीतिगत स्थिरता, सरल प्रक्रियाएं, आर्थिक प्रोत्साहन और इन्फ्रास्ट्रक्चर सपोर्ट मिलेगा. यही वजह है कि बिहार को अब उभरते औद्योगिक राज्य के रूप में पेश किया जा रहा है.
