Bihar Land Registry: जमीन रजिस्ट्री अब और भी आसान! सुप्रीम कोर्ट ने इन कागजातों को किया गैर-जरूरी
Bihar Land Registry: सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला देते हुए कहा है कि जमीन बेचने-खरीदने या दान करने के लिए जमाबंदी-होल्डिंग जरूरी नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट का आदेश और बिहार सरकार का 2019 वाला संशोधन रद्द कर दिया. लॉ कमीशन को भी रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश मिला है. पढे़ं पूरी खबर…
Bihar Land Registry: सुप्रीम कोर्ट ने बिहार की जमीन रजिस्ट्री से जुड़े एक बड़े विवाद पर अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने साफ कह दिया कि जमीन की खरीद-बिक्री या दान करने के लिए जमाबंदी और होल्डिंग होना जरूरी नहीं है. यानी अब बिना जमाबंदी-होल्डिंग के भी जमीन का रजिस्ट्री हो सकती है.
जानिए किस नियम को दी गयी थी चुनौती
दरअसल, पटना हाईकोर्ट ने पहले ये व्यवस्था दी थी कि बिना जमाबंदी और होल्डिंग नंबर के जमीनें बेची नहीं जा सकतीं. बाद में बिहार सरकार ने 10 अक्टूबर 2019 को निबंधन नियमावली के नियम 19 में संशोधन करके एक नया प्रावधान जोड़ दिया था, जिसमें यह बाध्यता बना दी गई थी कि रजिस्ट्री से पहले यह चेक किया जाएगा कि जमीन बेचने वाले या दान करने वाले के नाम से जमाबंदी/होल्डिंग मौजूद है या नहीं. सुप्रीम कोर्ट में इसी नियम को चुनौती दी गई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने 34 पेज का सुनाया फैसला
सुप्रीम कोर्ट की पीठ में शामिल जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जॉयमाल्या बागची ने इस याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट का आदेश भी रद्द कर दिया और राज्य सरकार का संशोधन भी खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि ऐसा नियम बनाकर लोगों के अधिकार पर अनावश्यक रोक नहीं लगाई जा सकती. सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही एक और कदम उठाया है. कोर्ट ने लॉ कमीशन से कहा है कि इस पूरे मुद्दे पर तकनीक, रेकॉर्ड मैनेजमेंट और जमीन संबंधी कानूनों को ध्यान में रखते हुए पूरी स्टडी की जाए और केंद्र व राज्य सरकारों से सलाह लेकर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाए. इस याचिका पर कुल 34 पेज का फैसला शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से जारी किया गया.
