Bihar Election 2025: खेसारी लाल से मैथिली ठाकुर तक; बिहार चुनाव में स्टारडम की एंट्री, वोट बैंक पर नया खेल!

Bihar Election 2025: बिहार चुनाव 2025 में सियासत और स्टारडम का अनोखा मेल देखने को मिल रहा है. खेसारी लाल यादव और मैथिली ठाकुर जैसी मशहूर हस्तियां राजनीति में उतरकर फैनबेस को वोट में बदलने की चुनौती का सामना कर रही हैं. पढ़ें यह स्पेशल रिपोर्ट…

By Aniket Kumar | October 18, 2025 2:46 PM

Bihar Election 2025: बिहार की चुनावी हवा में इस बार सियासत के साथ-साथ सिनेमाई चकाचौंध का भी तड़का लगा है. पोस्टरों पर नेता के साथ-साथ अब फिल्मी सितारों के चेहरे भी चमक रहे हैं. एक तरफ भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार खेसारी लाल यादव छपरा से आरजेडी के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं, तो दूसरी ओर लोकगायिका मैथिली ठाकुर ने मधुबनी जिले की अलीनगर सीट से पर्चा भरा है. यही है बिहार चुनाव 2025 की नई कहानी, “मनोरंजन से विधानसभा तक: स्टारडम का लोकतंत्र”.​

खेसारी लाल ने नोमिनेशन में दिखाया फैनबेस का जलवा

शुक्रवार को छपरा में जब खेसारी लाल यादव नामांकन करने पहुंचे तो भीड़ भारी उमड़ पड़ी. इस दौरान उन्होंने खुलकर कहा, “संगीत को साइड नहीं करूंगा, थोड़ा कम करूंगा, क्योंकि छपरा की समस्याएं बहुत हैं. इस बार की बारिश में डीएम ऑफिस तक पानी घुस गया था”.​ खेसारी, जो पहले अपनी पत्नी चंदा देवी को चुनाव लड़ाने के पक्ष में थे, बाद में वह खुद मैदान में उतर आए. उन्होंने आरजेडी की सदस्यता ली और तेजस्वी यादव की “बदलाव” थीम पर भरोसा जताया.

खेसारी लाल यादव का संदेश साफ था, “अगर मेहनत से किसी कलाकार ने नाम कमाया है तो जनता की सेवा भी ईमानदारी से कर सकता है.” उनकी जड़ों से जुड़ी बोली और श्रमिक वर्ग से इमोशनल कनेक्ट उनकी सबसे बड़ी ताकत बनकर उभरी है.​

मैथिली ठाकुर ने दी सियासी दस्तक

जहां एक तरफ खेसारी लाल भोजपुरी जनमानस को आवाज दे रहे हैं, वहीं मैथिली ठाकुर अपनी मधुर मैथिली धुनों से राजनीतिक सफर शुरू कर रही हैं. लोकगीतों की दुनिया से बिहार की संस्कृति को पहचान दिलाने वाली मैथिली अब ‘सांस्कृतिक प्रतिनिधि’ के रूप में देखी जा रही हैं. 

स्टारडम बनाम जमीन की राजनीति

कलाकारों की एंट्री से बिहार की सियासत में एक नया मोड़ आया है. जहां एक दौर में सिनेमा और राजनीति के बीच दूरी थी, वहीं अब यह दूरी कम होते दिख रही है. अब पर्दे के सितारे जमीन पर उतर आए हैं. इन चेहरों के पास फैनबेस तो विशाल है, पर असली चुनौती है उस फैनबेस को वोट में बदलने की. खेसारी को जहां बीजेपी के गढ़ छपरा में कड़ी टक्कर का सामना करना है, वहीं मैथिली ठाकुर को स्थानीय पार्टी कैडर और क्षेत्रीय समीकरण से निपटना होगा.

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