Bihar: वफादार ‘बादशाह’ की कब्र के पास ही 4 दिनों से डटा है ‘एंथोनी’, साथी कुत्तों ने भी खाना-पानी त्यागा

Dog News: भागलपुर में एक जर्मन शेफर्ड नस्ल के वफादार कुत्ते की मौत हो गयी तो उसके गम में साथी कुत्तों ने खाना पीना तक छोड़ दिया. किसी को यकीन नहीं हो रहा है कि अब उनके साथी बादशाह की मौत हो गयी है. जानिए बादशाह की वफादारी के किस्से..

By Prabhat Khabar Print Desk | February 9, 2023 12:07 PM

विजय आनंद: बिहार के भागलपुर में एक वफादार कुत्ते की मौत हो गयी तो उसके गम में घर के अन्य कुत्तों ने खाना-पीना तक छोड़ दिया. जर्मन शेफर्ड नस्ल के कुत्ते ‘बादशाह’ की वफादारी के कई किस्से हैं. वहीं अब उसकी मौत के बाद उसके साथी कुत्ते उसी जगह डटे रहते हैं जहां बादशाह को दफनाया गया है.

 ‘बादशाह’ की कब्र के पास ही डटा है एंथोनी

कहानी थोड़ी सी फिल्मी है. यह नस्ल वफादारों की है, तो जाहिर है दोस्ती भी नायाब ही होगी. कुछ ऐसा ही हुआ भागलपुर के तपोवर्धन प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र मायागंज के निदेशक के भीखनपुर स्थित आवास में. चार फरवरी को यहां रह रहे नौ साल के जर्मन शेफर्ड नस्ल के कुत्ते ‘बादशाह’ की मौत हो गयी. कुत्ते के मालिक डॉ जेता सिंह ने भारी मन से पुराने खैरख्वाह को अपने घर के ही कैंपस में मिट्टी नसीब करीब दी, लेकिन उसका पुत्र और साथी जर्मन शेफर्ड नस्ल का छह साल का ‘एंथोनी’ उसकी कब्र पर ही पिछले चार दिनों से लेटा है.

बाकी कुत्तों ने खाना-पीना तक छोड़ दिया

एंथोनी को यकीं ही नहीं हो रहा कि बादशाह अब इस दुनिया को अलविदा कह चुका है. उसके साथ के कुत्ते अमर, ब्यूटी, लिली और रानी को भी बादशाह की मौत ने इस कदर गमजदा कर दिया है कि सबने खाना-पीना तक छोड़ दिया है. सभी मायूस और गुमसुम हैं. सभी बारी-बारी से कब्र में लेटे अपने यार के फिर से उठ आने की उम्मीदों में वहां समय गुजारते हैं.

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चेहरा ढककर आने वालों को रोकता था बादशाह

तपोवर्धन चिकित्सा केंद्र के निदेशक डॉ जेता सिंह कहते हैं- बादशाह उनके पारिवारिक सदस्य की तरह था. वह अपने साथियों का भी चहेता और सरदार था. वह इतना समझदार था कि उनके कैंपस में मास्क अथवा गमछा से मुंह ढक कर कोई इंट्री कर ले, उसे यह कतई मंजूर ना था. वह सिर्फ खुले चेहरे वाले बगैर मास्क के लोगों को ही उनके कैंपस में घुसने देता था.

आपस में झगड़ने से रोकता था बादशाह

बादशाह परिवार के सदस्यों को भी आपस में झगड़ने से रोक देता था. यदि कोई आपस में ऊंची आवाज में बात करें, तो यह भी उसे पसंद नहीं था. वह तुरंत भौंकता हुआ शोर मचा रहे शख्स के पास पहुंच जाता और उसके शांत होने के बाद ही चुप बैठता था.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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