होमगार्ड की हड़ताल से विधि-व्यवस्था पर असर

आरा : भोजपुर जिले में होम गार्ड के जवानों की हड़ताल से विधि-व्यवस्था पर असर दिखने लगा है. ट्रैफिक से लेकर विधि-व्यवस्था तक प्रभावित हो रही है. इसके अलावा जेल, बैंक और सरकारी दफ्तरों में भी समस्या बढ़ गयी है. गत एक सप्ताह से चल रहे होमगार्ड जवानों की हड़ताल से न सिर्फ विधि-व्यवस्था प्रभावित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 18, 2017 8:17 AM
आरा : भोजपुर जिले में होम गार्ड के जवानों की हड़ताल से विधि-व्यवस्था पर असर दिखने लगा है. ट्रैफिक से लेकर विधि-व्यवस्था तक प्रभावित हो रही है. इसके अलावा जेल, बैंक और सरकारी दफ्तरों में भी समस्या बढ़ गयी है. गत एक सप्ताह से चल रहे होमगार्ड जवानों की हड़ताल से न सिर्फ विधि-व्यवस्था प्रभावित हो रही है बल्कि बिहार पुलिस के जवानों का भी टेंशन बढ़ गया है.
बिहार पुलिस के जवानों को डबल ड्यूटी तक करनी पड़ रही है. होमगार्ड के जवानों की ड्यूटी कार्यालय से लेकर अधिकारियों के आवास तक पर लगायी जाती है. आवास पर होमगार्ड के जवानों को नहीं होने के कारण भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. विभिन्न विभागों को कोई भी जरूरी काम होने पर अब बिहार पुलिस के जवानों के लिए वरीय पदाधिकारियों से संपर्क करना पड़ रहा है. वैसे ही बिहार पुलिस के जवानों की संख्या काफी कम है.
ट्रैफिक व बैंक पर है सबसे ज्यादा असर : जवानों की हड़ताल का सबसे ज्यादा असर ट्रैफिक व्यवस्था और बैंकों में देखने को मिल रहा है. एक तरफ जहां शहर के विभिन्न चौक- चौराहों पर ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए ट्रैफिक के जवान नजर आते थे. आज वहां कोई नहीं रहता है.
जिले में 873 होम गार्ड के जवान हैं कार्यरत : जिले में वैसे तो होमगार्ड के जवानों की संख्या 1338 हैं लेकिन इसमें से 873 जवान नियमित ड्यूटी पर तैनात रहते हैं. 873 जवानों के ड्यूटी नहीं करने से जिला व पुलिस प्रशासन के समक्ष गंभीर समस्या पैदा हो गयी है.
क्या है जवानों की मांग : सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि पुलिस विभाग और होम गार्ड के जवान को समान काम के लिए समान वेतन मिलना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने 28 फरवरी तक बिहार सरकार को समय दिया था, इस निर्देश को लागू करने के लिए. आदेश लागू नहीं होने के बाद होमगार्ड के जवानों ने विरोध शुरू कर दिया.
जवानों ने कहा, समय पर मानदेय भी नहीं मिलता
हड़ताल पर बैठे जवानों ने अपनी व्यथा सुनायी. बताया कि होमगार्ड के जवानों के मानदेय के रूप में चार सौ रुपया मिलता है. वह भी समय पर नहीं मिल पाता है, जिसके कारण आर्थिक संकट से गुजरना पड़ता है. बिहार पुलिस के जवानों के बराबर काम लिया जाता है, पर सुविधा नगण्य है.