रिश्तों में घुलेगी मिठास

पौराणिक परंपरा व पर्व-त्योहार का जीवन में खास महत्व है. कई मायनों में कई ऐसे त्योहार हैं जो वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी काफी लाभप्रद हैं.वहीं कई पर्व रिश्तों में मधुरता, प्रगाढ़ता व एक -दूसरे को एक सूत्र में बांधने का काम करते हैं. मकर संक्रांति का देश भर के हर शहर में खास महत्व है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 14, 2014 7:10 AM

पौराणिक परंपरा व पर्व-त्योहार का जीवन में खास महत्व है. कई मायनों में कई ऐसे त्योहार हैं जो वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी काफी लाभप्रद हैं.वहीं कई पर्व रिश्तों में मधुरता, प्रगाढ़ता व एक -दूसरे को एक सूत्र में बांधने का काम करते हैं. मकर संक्रांति का देश भर के हर शहर में खास महत्व है. सूबे के लोग इस दिन सुबह स्नान-ध्यान कर चूड़ा – दही का सेवन करते हैं. इसके बाद दिन भर पतंगबाजी का आंनद उठाया जाता है. सबसे खास बात इस पर्व की यह है कि पर्व के सप्ताह दिन पहले से ही भाई बहन के यहां व पिता बेटी के घर पर चूड़ा-दही,तिलकुट लेकर जाने लगते हैं. इस तरह यह परंपरा निश्चय ही रिश्तों को प्रगाढ़ बनाती है. हालांकि, आधुनिक जीवनशैली ने काफी कुछ बदल कर रख दिया है. बावजूद इसके मकर संक्रांति अब भी हम-आप के जीवन में मिठास घोल रही है.