जिले में जमाबंदी पंजी अब तक ऑनलाइन नहीं

आरा : जिले में अब तक जामाबंदी पंजी ऑनलाइन का कार्य शत प्रतिशत पूरा नहीं हो पाया है. जबकि जिला प्रशासन के सरकारी फाइल में जिले के 1215 मौजा के 228 हलका का सात लाख 10 हजार जामाबंदी पंजी ऑनलाइन का कार्य पूरा होने का दावा किया जा रहा है.... जबकि इसके उलट जिले के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 19, 2019 7:10 AM

आरा : जिले में अब तक जामाबंदी पंजी ऑनलाइन का कार्य शत प्रतिशत पूरा नहीं हो पाया है. जबकि जिला प्रशासन के सरकारी फाइल में जिले के 1215 मौजा के 228 हलका का सात लाख 10 हजार जामाबंदी पंजी ऑनलाइन का कार्य पूरा होने का दावा किया जा रहा है.

जबकि इसके उलट जिले के 60-70 प्रतिशत जामाबंदी पंजी ऑनलाइन नहीं हुआ है, जो हुआ भी है वो भी आधे-अधूरे राजस्व विभाग के साइड पर दिखा रहा है. इसको लेकर जिले के सभी अंचलों में प्रतिदिन जामाबंदी पंजी ऑनलाइन कराने को लेकर किसानों की भीड़ देखते बन रही है.
किसान ऑनलाइन कराने को लेकर अंचलाधिकारी के खोज में दिन-दिन भर इंतजार करते रह जा रहे हैं, लेकिन किसी-किसी दिन तो अंचलाधिकारी से उनकी मुलाकात भी नहीं हो पा रही है. यही नहीं अंचलाधिकारी के स्तर से किसानों को सिर्फ आश्वासन मिल रहा है.
सरकार से ऑफलाइन भूमि के लगान रसीद काटे जाने पर कोई रोक नहीं है, लेकिन मौजा के हलका कर्मचारी सिर्फ अपने नाजायज कमाई को लेकर किसानों को ऑफ लाइन भूमि के लगान रसीद काटे जाने का हवाला देकर बैरंग लौटा दे रहे हैं. जब इसकी शिकायत किसान अंचलाधिकारी से करने जाते हैं, तो वे भी सरकार के ऑफलाइन रसीद काटे जाने पर रोक का हवाला देकर जामाबंदी ऑनलाइन कराने को कह रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि जिले में इन दिनों अंचलाधिकारियों द्वारा जिला प्रशासन को जामाबंदी पंजी ऑनलाइन को लेकर जो भी रिपोर्ट सौंपी गयी है, वे फेंकपूर्ण व गलत है. इससे यह स्पष्ट होता है कि अंचलाधिकारियों ने जिलाधिकारी और सरकार के आदेश को सिर्फ कागजी खानापूर्ति कर अपने कर्तव्य का मानो इतीश्री कर लिया है.
ऑनलाइन को ले कर्मचारी वसूल रहे नजाराना : जिले में इन दिनों ऑफलाइन रसीद कटाने और जामाबंदी पंजी ऑनलाइन कराने को लेकर किसानों को मौजा के हल्का कर्मचारियों को मुंहमांगी रकम चुकानी पड़ रही है.
इस संबंध में पिछले दिनों चरपोखरी अंचल, गड़हनी अंचल, उदवंतनगर अंचल, सहार अंचल, संदेश अंचल तथा आरा अंचल से कई शिकायतें प्राप्त हुई थीं. जामाबंदी ऑनलाइन कराने को लेकर आरा अंचल में फिक्स रेट 2-4 हजार रुपये निर्धारित की गयी है. जबकि उदवंतनगर अंचल में 1-2 हजार रुपये हल्का कर्मचारियों द्वारा वसूल की जा रही है.
यही हाल कमोवेश सभी अंचलों में देखने को मिल रहा है. ऑफलाइन भूमि का लगान रसीद सिर्फ प्रोपटी डीलर को मोटी रकम वसूल कर अंदर ही अंदर कर्मचारियों द्वारा काटा जा रहा है. जबकि गरीब किसान अपनी जरूरत को लेकर जब रसीद कटाने जा रहे हैं, तो राजस्व विभाग के साइड पर जामाबंदी ऑनलाइन नहीं दिखा रहा है.
बोले अपर समाहर्ता
यदि कोई किसान इस संबंध में किसी हल्का कर्मचारी के नाम से शिकायत दर्ज कराता है, तो जांचोपरांत ऐसे कर्मचारियों के विरुद्ध नियमानुकूल ठोस व कठोर कार्रवाई की जायेगी.
कुमार मंगलम, अपर समाहर्ता