पुजारी को गोली मारने के विरोध में ग्रामीणों ने जाम की सड़क
आरा/तरारी : जिले के ईमादपुर थाना क्षेत्र के राजपुर गांव में मंगलवार की रात वर्चस्व को लेकर हथियारबंद लोगों ने निर्माणाधीन मंदिर के पुजारी को गोली मारकर जख्मी कर दिया. घटना के बाद गुस्साये ग्रामीणों ने राजपुर गांव के समीप सड़क जाम कर हमलावरों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे.... हालांकि पुलिस के पदाधिकारी मौके […]
आरा/तरारी : जिले के ईमादपुर थाना क्षेत्र के राजपुर गांव में मंगलवार की रात वर्चस्व को लेकर हथियारबंद लोगों ने निर्माणाधीन मंदिर के पुजारी को गोली मारकर जख्मी कर दिया. घटना के बाद गुस्साये ग्रामीणों ने राजपुर गांव के समीप सड़क जाम कर हमलावरों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे.
हालांकि पुलिस के पदाधिकारी मौके पर जाकर आक्रोशित लोगों को समझा-बुझा कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिये, लेकिन लोग घटना स्थल पर वरीय पदाधिकारियों को बुलाने की मांग पर अड़े रहे. बाद में पीरो एसडीओ सुनील कुमार और पीरो एसडीपीओ अशोक कुमार आजाद मौके पर पहुंचकर आक्रोशित लोगों को समझा-बुझा कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिये.
तब जाकर मामला शांत हुआ. लगभग 20 घंटे तक जाम लगा रहा, जिसके कारण आम आवाम को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. बाद में घटना को लेकर द्वय पदाधिकारियों ने ग्रामीणों के साथ बैठक कर शांति बहाल करने की अपील की. घायल पुजारी भोला पासवान के पुत्र अनिल पासवान को कल्याण विभाग से एक लाख रुपये का चेक दिया गया.
एसडीओ सुनील कुमार और डीएसपी अशोक कुमार ने कहा कि घटना में संलिप्त अपराधियों को किसी भी हाल में बक्सा नहीं जायेगा. वहीं, कानून को हाथ में लेकर रोड जाम करने, हो-हंगामा करनेवालों को भी छोड़ा नहीं जायेगा. उनके ऊपर भी कानूनी कार्रवाई करते हुए सभी को गिरफ्तार किया जायेगा. राजपुर विद्यालय में शांति बहाल होने तक तत्काल पुलिस पिकेट खोल दिया गया, जिन्हें सख्त हिदायत दी गयी है कि शांति भंग नहीं होनी चाहिए.
बताया जाता है कि गोविंद यादव पर हमले के पूर्व भी उसके भतीजे माखन यादव के ऊपर जानलेवा हमला किया गया था. तभी से दोनों गुटों के बीच वर्चस्व का जंग चल रहा है.
दोनों ही गुट बाहरी असामाजिक तत्वों की मदद से गिरोह बना हमेशा हथियारों से लैस होकर राजपुर में मंडराते रहते हैं और एक दूसरे पर हमला बोलने के फिराक में हवाई फायरिंग कर दहशत फैलाते रहते हैं. एक ही गांव राजपुर के दो गुटों के बीच वर्चस्व की लड़ाई में ही ये सभी घटनाएं घट रही हैं.
इससे संबंधित ही गोविंद यादव के ऊपर धारदार हथियार से जानलेवा हमला किया गया था. बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी थी. उसके बाद से एक-दूसरे पर हमले और हवाई फायरिंग कर दहशत फैलाना दोनों पक्षों की आम बात हो गयी थी. दिनदहाड़े या शाम होते ही राजपुर में कई दिन बंदूकें गरजीं थीं. तनाव गहराता गया और हमले का शोला भड़क गया.
