bhagalpur news. सफाई एजेंसी को पत्ता कटने की लगी भनक पर सफाई कार्य हुआ ध्वस्त

नगर निगम इस वक्त कई चुनौतियों से जूझ रहा है, जिसका सीधा असर शहर की सफाई व्यवस्था पर पड़ने वाला है. पूर्व नगर आयुक्त डॉ प्रीति के जाते फाइल पर कुछ लिख देने की भनक लगते ही सफाई एजेंसियों ने सफाई कार्य में ढुलमुल रवैया अपना लिया है.

By ATUL KUMAR | May 31, 2025 1:52 AM

भागलपुर

नगर निगम इस वक्त कई चुनौतियों से जूझ रहा है, जिसका सीधा असर शहर की सफाई व्यवस्था पर पड़ने वाला है. पूर्व नगर आयुक्त डॉ प्रीति के जाते फाइल पर कुछ लिख देने की भनक लगते ही सफाई एजेंसियों ने सफाई कार्य में ढुलमुल रवैया अपना लिया है. वहीं, वित्तीय पावर के अभाव में कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों में तेल भरवाना भी मुश्किल हो गया है. इस बीच सफाइकर्मियों को दो माह से वेतन और एरियर न मिलने से उनमें भारी आक्रोश है, जिससे वह हड़ताल पर जाने की सोच रहे हैं. यह सब देख शुक्रवार को इमरजेंसी बैठक बुलाई गयी. इसमें प्रभारी नगर आयुक्त व स्थायी समिति सदस्यों के बीच नगर सरकार किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सके. इस कारण शनिवार को स्थायी समिति की आपातकालीन बैठक बुलायी गयी है.

ब्लैकलिस्टेड की आशंका से बरती जा रही ढिलाई

बताया जा रहा है कि तत्कालीन नगर आयुक्त डॉ प्रीति ने अपने स्थानांतरण से ठीक पहले सफाई एजेंसियों के विरुद्ध कुछ ऐसे नोट लिखे हैं, जिससे उन्हें ब्लैकलिस्ट किए जाने की आशंका है. इस बात की भनक लगते ही सफाई एजेंसियों ने अपने काम में ढिलाई बरतनी शुरू कर दी है, जिसका खामियाजा शहर को भुगतना पड़ रहा है.

वित्तीय संकट से स्थिति और हुआ जटिल

वित्तीय संकट ने स्थिति को और जटिल बना दिया है. कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों में तेल भरवाने में भी मुश्किलें आ रही हैं. नये नगर आयुक्त की अनुपस्थिति में वित्तीय अधिकार किसी के पास नहीं हैं और उनके लौटने में कम से कम 25 दिन लग सकते हैं.

कर्मचारियों में भारी रोष, हड़ताल की तैयारी

सफाइकर्मी भी खासे नाराज हैं. हड़ताल खत्म होने के बाद भी उन्हें बढ़ी हुई राशि और अक्तूबर से बकाया एरियर का भुगतान नहीं हुआ है. सभी का वेतन बढ़ोत्तरी 503 रुपये के हिसाब करने की घोषणा हुई है. सफाई एजेंसियों का कहना है कि भुगतान तभी होगा जब निगम उन्हें फंड जारी करेगा. इसके अतिरिक्त सफाइकर्मियों को दो महीने का वेतन भी नहीं मिला है, जिससे उनमें भारी गुस्सा है और वे एक बार फिर हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रहे हैं. यदि ऐसा होता है, तो शहर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह ठप हो सकती है.

आज की जायेगी फाइल की जांच

इन सभी मुद्दों पर शुक्रवार को एक बैठक हुई, लेकिन कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकल सका. इस वजह से शनिवार को स्थायी समिति की एक आपातकालीन बैठक बुलायी गयी है. इसमें उस फाइल को मंगाकर देखा जायेगा, जिसमें तत्कालीन नगर आयुक्त ने सफाई एजेंसियों के विरुद्ध लिखी है. निगम यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि आखिर ऐसी क्या बात है, जिसकी भनक लगते ही सफाई व्यवस्था लचर हो गयी है.

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