Bhagalpur news सोनवर्षा पक्षी बनी सोनवर्षा गांव की पहचान
दियारा क्षेत्र के रूप में पहचाना जाने वाला सोनवर्षा क्षेत्र अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने की ओर तेजी से बढ़ रहा है
दियारा क्षेत्र के रूप में पहचाना जाने वाला सोनवर्षा क्षेत्र अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने की ओर तेजी से बढ़ रहा है. हाल ही में यहां पाये गये एक दुर्लभ प्रवासी पक्षी का नाम सोनवर्षा रखने के बाद यह इलाका एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. विशेषज्ञों का मानना है कि इससे सोनवर्षा को रामसर साइट घोषित करने की संभावना और मजबूत हो गयी हैं. सोनवर्षा दियारा क्षेत्र गंगा के किनारे फैला हुआ एक विशाल और जैव विविधता से भरपूर इलाका है. यहां हर वर्ष सर्दियों में देश-विदेश से हजारों प्रवासी पक्षी आते हैं. हाल के सर्वेक्षण में पक्षी वैज्ञानिकों की टीम ने यहां एक अनोखी प्रजाति की पहचान की, जिसके बाद उसका नाम सोनवर्षा रखा. यह नाम क्षेत्र की भौगोलिक और जैविक पहचान को अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर स्थापित करने के रूप में देखा जा रहा है. विशेषज्ञों के अनुसार सोनवर्षा का यह नया पक्षी यहां के वेटलैंड इकोसिस्टम की मजबूती को दर्शाता. यह क्षेत्र जलीय जीवों, दुर्लभ मछलियों और प्रवासी पक्षियों के लिए सुरक्षित आवास बन चुका है. यही कारण है कि अब सोनवर्षा के रामसर साइट बनने का रास्ता खुलता दिख रहा है. रामसर साइट का दर्जा मिलने के बाद यह क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संरक्षित वेटलैंड के रूप में पहचाना जायेगा. इससे न सिर्फ प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण सशक्त होगा, बल्कि पर्यटन, रोजगार और स्थानीय विकास के नये द्वार खुलेंगे. स्थानीय युवाओं को गाइड, होमस्टे, नाव परिचालन और ईको-टूरिज्म से जुड़ने का अवसर मिलेगा. स्थानीय लोगों में इस खबर को लेकर उत्साह का माहौल है. ग्रामीणों का मानना है कि अब सोनवर्षा सिर्फ दियारा इलाका नहीं, बल्कि एक पर्यावरणीय विरासत स्थल बनने की ओर अग्रसर है. कई सामाजिक संगठनों और पर्यावरण प्रेमियों ने सरकार से मांग की है कि सोनवर्षा को जल्द से जल्द रामसर सूची में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू की जाए. प्रशासनिक स्तर पर भी इस विषय को गंभीरता से लिया जा रहा है.वन विभाग और पर्यावरण विशेषज्ञ संयुक्त रूप से क्षेत्र की जैव विविधता का विस्तृत सर्वेक्षण कर रहे हैं, ताकि आवश्यक रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी जा सके. कुल मिला कर कहा जाए तो पक्षी ने सोनवर्षा को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने की दिशा में एक नया अध्याय जोड़ दिया है. आने वाले समय में यदि यह क्षेत्र रामसर साइट घोषित होता है तो यह न केवल बिहपुर बल्कि पूरे नवगछिया और भागलपुर क्षेत्र के लिए गर्व की बात होगी.
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