bhagalpur news. भारतेंदु और प्रसाद के बाद नाटककार के रूप में मोहन राकेश का आता है नाम
मोहन राकेश भारत में शीर्ष नाटककार के रूप में जाने जाते हैं. मोहन राकेश का जन्म 8 जनवरी 1925 को पंजाब के अमृतसर में हुआ.
भागलपुर मोहन राकेश भारत में शीर्ष नाटककार के रूप में जाने जाते हैं. मोहन राकेश का जन्म 8 जनवरी 1925 को पंजाब के अमृतसर में हुआ. मोहन राकेश ने लघु कहानी, उपन्यास, यात्रावृतांत, संस्मरण अनुवाद, नाटक, एकांकी की रचना की. वैसे भारतेंदु और प्रसाद के बाद नाटककार के रूप में मोहन राकेश का नाम ही आता है. उक्त बातें कार्यक्रम के मुख्य वक्ता युवा निर्देशक रितेश रंजन ने कही. मौका था राज बाटी लेन आदमपुर संबंध कार्यालय में दिशा भागलपुर की ओर से रंग चौपाल चार आयोजन का. डॉ चंद्रेश ने मंच संचालन किया और 100 साल के हुए नाटककार मोहन राकेश विषय प्रवेश कराया. मोहन राकेश ने पहला नाटक 1958 में आषाढ़ का एक दिन लिखा लिखा. इस नाटक को संगीत नाटक अकादमी अवार्ड भी मिला. मोहन मोहन राकेश का दूसरा नाटक 1963 में लहरों के राजहंस आया. इस नाटक को भी संगीत नाटक अकादमी अवार्ड मिला. इनका तीसरा सबसे प्रमुख नाटक आधे अधूरे जो वर्ष 1969 में लिखा गया. डॉ चैतन्य प्रकाश ने कहा कि मोहन राकेश एक आधुनिक नाटककार थे. लहरों के राजहंस नाटक के एक अंश का पाठ किया गया. कार्यक्रम मे सितार गुरु प्रवीर, विनय कुमार, दशरथ, संजीव कुमार दीपू, नागेश आदि उपस्थित थे.
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