Bhagalpur News.टीएमबीयू में उपद्रव व मारपीट मामले में पांच छात्रों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
टीएमबीयू में मारपीट मामले पांच छात्र गिरफ्तार.
-छात्र राजद के तीन व अभाविप के दो सदस्यों को किया है गिरफ्तार
टीएमबीयू कैंपस में छात्रों के दो दलों के बीच हुई मारपीट और उपद्रव मामले में पुलिस ने पांच छात्रों को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार छात्रों में तीन छात्र राजद के व दो अभाविप के हैं. छात्र राजद के गिरफ्तार सदस्यों में विश्वविद्यालय अध्यक्ष लालू यादव, प्रिंस कुमार और आशीष कुमार हैं. इन्हें 24 अक्तूबर को अभाविप कार्यकर्ता आनंद कुमार की पिटाई के आरोप में में एससीएसटी थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है. जबकि अभाविप के कुणाल पांडेय और हैप्पी आनंद को भी गिरफ्तार किया गया है. इन दोनों पर 25 अक्तूबर को राजद के लालू यादव की पिटाई करने का अरोप है. गिरफ्तार छात्रों में आशीष कुमार, प्रिंस कुमार, कुणाल पांडे व हैप्पी आनंद को जेल भेज दिया गया, जबकि लालू यादव घायल है. पुलिस अभिरक्षा में इसका इलाज जेएलएनएमसीएच में चल रहा है. हिरासत में लिए गये छात्र राजद के प्रभाकर कुमार को साक्ष्य के अभाव में बेल बांड पर छोड़ा गया. इधर, दो दिनों से लगातार दो छात्रों के गुटों के बीच हो रहीहिंसक झड़प के बाद शुक्रवार को कैंपस का माहौल शांत रहा.
दूसरी तरफ सुबह सिटी एसपी शुभांक मिश्रा, सिटी डीएसपी वन अजय कुमार चौधरी, एसडीओ विकास कुमार ने विश्वविद्यालय कैंपस और हॉस्टल में फ्लैग मार्च किया है. इस दौरान पुलिस ने माइकिंग करते हुए छात्रों से शांति की अपील की. प्रशासनिक पदाधिकारियों ने घटना के संदर्भ में रजिस्ट्रार रामाशीष पूर्वे के साथ बैठक कर बातचीत भी की है. पीजी हॉस्टल (लड़का) के पास नाले की समस्या को ले कर विश्वविद्यालय कैंपस जा रहे विद्यार्थियों के दल को पुलिस ने रोक दिया. सिर्फ दो छात्रों को रजिस्ट्रार से मिलने की अनुमति दी. प्रशासनिक भवन के आसपास दिन भर पुलिस की मौजूदगी रही. परीक्षा विभाग में भी पुलिस जवान तैनात रहे. शुक्रवार को बड़ी संख्या में छात्र अपने-अपने काम से विश्वविद्यालय पहुंचे थे.परीक्षा विभाग की लचर व्यवस्था के कारण हुई घटना
रजिस्ट्रार डॉ. रामाशीष पूर्वे ने शुक्रवार को विश्वविद्यालय के सिडिंकेट हॉल में प्रेसवार्ता में कहा कि प्रोविजनल लेने के लिए बड़ी संख्या में छात्र – छात्राएं कैंपस पहुंच रहे हैं. ऐसी स्थिति में परीक्षा विभाग सभी छात्रों को सहजतापूर्वक प्रोविजनल देने में असमर्थ रहा. लिहाजा दलाल सक्रिय हो गये. भ्रष्टाचार का आरोप लगने लगा. यह परंपरा दुखद है. उन्होंने कहा कि इसी मुद्दे पर गुरुवार को छात्रों का एक दल विवि बंद कराने की जिद पर अड़ा था तो दूसरा दल इसका विरोध कर रहा था. दोनों पक्षों में टकराव हो गया. पूर्वे ने कहा कि घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है. यह कमेटी मुख्य रूप से तीन बिंदुओं नुकसान का समुचित आकलन, तोड़ फोड़ करने वाले छात्रों पर नामजद एफआईआर कराने और हॉस्टल में अनधिकृत रूप से जमे में अवैध छात्रों पर कार्रवाई और अन्य बिंदुओं पर जांच करने कहा गया है. उन्होंने बताया कि कमेटी को 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट देने कहा गया है. प्रेसवार्ता के क्रम में रजिस्ट्रार ने घटना को लेकर परीक्षा विभाग को जिम्मेदार बनाया और विभाग और परीक्षा नियंत्रक की कार्यशैली पर भी सवाल उठाये. प्रॉक्टर प्रो. एसडी झा ने बताया कि गुरुवार को विश्वविद्यालय पर कलंक लगते लगते बचा. उन्होंने दावा किया कि हिंसक छात्रों का एक दल आक्रोशित हो कर परीक्षा नियंत्रक को खोज रहा था, लेकिन ऐन मौके पर उन्होंने उन्हें बचा लिया. जबकि दो छात्रों को भी उन्होंने शौचालय में बंद करके बचाया. प्राक्टर ने बताया कि घटना को लेकर अज्ञात के विरुद्ध एफआईआर कराने के लिए ले कर आवेदन पुलिस को दिया गया था लेकिन पुलिस ने आवेदन लौटा दिया गया था. प्रॉक्टर ने कहा कि सीसीटीवी और कैमरा फुटेज उपलब्ध है. इसलिए मामले में नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी जाएगी.कहते हैं सिटी एसपी
सिटी एसपी शुभांक मिश्रा ने कहा कि मामले में पांच लोगों की गिरफ्तारी की गयी है. पुलिस ने सभी प्रकार के निरोधात्मक कदम उठाएं हैं. आगे की कार्रवाई की जा रही है. विश्वविद्यालय प्रशासन से भी बात की गयी है. मिश्रा ने विश्वविद्यालय प्रशासन से कहा कि रिटायर्ड टीचर व पुराने छात्र कैंपस में रह रहे हैं, जो वर्तमान व्यवस्था को प्रभावित करने का प्रयास करते हैं. इस तरह के मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन को कार्रवाई करना चाहिए.
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